झांसी। धोखाधड़ी करके मकान हड़पने के आरोप में सपा नेता एवं पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव समेत उनकी पत्नी ज्ञानवती, भाई शिशुपाल यादव, भतीजा छत्रपाल सिंह, तेजपाल सिंह, सत्यभान यादव एवं निजी सचिव आशाराम के खिलाफ मसीहागंज निवासी बुजुर्ग महिला सुदेश बेरी ने सीपरी बाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। बुजुर्ग महिला का आरोप है पूर्व सांसद से सात करोड़ रुपये में मकान का सौदा हुआ लेकिन, अपनी हनक का इस्तेमाल करके पूर्व सांसद ने ढाई करोड़ देकर फर्जी दस्तावेज के सहारे मकान अपने नाम करा लिया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद सीपरी बाजार पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।

मसीहागंज निवासी सुदेश बेरी पत्नी रविंद्र कुमार ने पुलिस को बताया कि उनके पुत्र ललित ने कुछ लोगों से पैसा उधार लिया हुआ था। पैसा लौटा न पाने से यह लोग घर के चक्कर लगाते थे। ऐसे में उन्होंने पड़ोस में रहने वाले पूर्व सांसद चंद्रपाल से दस लाख रुपये की मदद मांगी। सुदेश का कहना है पूर्व सांसद ने एक करोड़ रुपये देने की पेशकश की। उन्होंने इतनी रकम की आवश्यकता न होने की बात कहकर इसे ठुकरा दिया लेकिन, पूर्व सांसद ने कहा कि वह पचास लाख से कम रकम देते ही नहीं। रुपयों की जरुरत होने से उसने पचास लाख रुपया चेक से ले लिया। मकान हड़पने की नियत से पूर्व सांसद ने अपने परिजनों के साथ मिलकर फर्जी इकरारनामा तैयार किया। इसमें एक करोड़ रुपये वापस न करने की दशा में मकान का बैनामा उनके हक में करने की बात लिखी। यह बात जब सुदेश को मालूम चली तब उसने पूर्व सांसद से नाराजगी जताई। पूर्व सांसद ने यह पैसा दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके बाद सात करोड़ रुपये में घर खरीदने का सौदा हुआ। इसके बाद पूर्व सांसद ने बिना पूरा पैसा दिए मकान का बैनामा करा लिया। पैसा न मिलने पर सुदेश ने रजिस्ट्री करने से मना कर दिया। पूर्व सांसद उसके पुत्र ललित और बहू आरती को अपनी गाड़ी में बिठाकर रजिस्ट्री कार्यालय ले गए। यहां धमकाकर रजिस्ट्री करा ली गई। मकान का सौदा सात करोड़ में हुआ था लेकिन, पूर्व सांसद ने सिर्फ ढाई करोड़ ही दिए। अब मकान खाली न करने पर जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं। सीओ सिटी राजेश राय के मुताबिक तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 386, 406, 467, 468, 471, 504 एवं 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की विवचेना कराई जा रही है।

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पूर्व सांसद ने आरोपों को बताया निराधार

झांसी। मकान हड़पने में नामजद होने के बाद पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने इस मामले को पूरी तरह बेबुनियाद ठहराया। उन्होंने इस मामले को राजनीतिक साजिश ठहराया है। कहा, उन्होंने पांच साल पहले सुदेश बेरी से घर खरीदा था। इसका बकायदा भुगतान किया और रजिस्ट्री भी कराई। मकान की निर्धारित राशि भी उनके बैंक खाते में जमा कराई गई थी। कोई भी बकाया अब शेष नहीं है। इसके अलावा कुछ अन्य संपत्ति भी उनके परिजनों ने क्रय की थी, इसकी कीमत भी चुका दी गई।



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