class="post-template-default single single-post postid-2336 single-format-standard wp-custom-logo wp-embed-responsive jps-theme-newsup ta-hide-date-author-in-list" >


झांसी। ग्वालियर रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा। इसके चलते जून माह तक इस आरओबी की एक लेन का खुल पाना मुश्किल है। जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उसको देखते हुए इसकी एक लेन का अगस्त माह से पहले तैयार होना संभव नहीं है।

झांसी-कानपुर रेल मार्ग पर ग्वालियर रोड क्राॅसिंग के ऊपर ओवर ब्रिज निर्माण का काम दिसंबर 2021 से आरंभ हुआ था। दो लेन वाले इस आरओबी की एक लेन मार्च महीने में यातायात के लिए खोल देने की बात कही गई थी लेकिन रेलवे का काम पिछड़ जाने से इस समय तक यह काम पूरा नहीं हो सकेगा। इसके बाद जून माह की समय सीमा तय हुई लेकिन, अभी तक रेलवे ट्रैक के ऊपर गार्डर लगाने का काम ही पूरा नहीं हुआ। सेतु अभियंताओं का कहना है गार्डर बिछाए जाने के बाद पहली लेन खोलने में न्यूनतम दो माह लगेगा। सेतु निगम का भी झांसी छोर की ओर करीब सौ मीटर दूरी में काम अधूरा है जबकि जून माह से मानसूनी सीजन आरंभ हो जाएगा। इस दौरान बारिश से भी काम प्रभावित होगा। इस वजह से अगस्त माह से पहले इसके खुलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि परियोजना अधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि बारिश की वजह से यहां काम प्रभावित नहीं होगा। पहली लेन जल्द से जल्द खोलने की कोशिश रहेगी।

इनसेट

तयशुदा समय में पूरा नहीं हुआ गार्डर रखने का काम

कुल 994.43 मीटर लंबे इस ओवरब्रिज में रेलवे ट्रैक के ऊपर का करीब 75 मीटर लंबा हिस्सा रेलवे को बनाना है। गार्डर रखने के साथ ही इसे आर्च शेप बनाया जाना है। अप्रैल माह तक गार्डर रखने का काम पूरा कर लिया जाना था लेकिन, यह पूरा माह खत्म हो जाने के बावजूद भी रेलवे अपने हिस्से का काम पूरा नहीं कर सका। इस वजह से इसका निर्माण पिछड़ता जा रहा है।

इनसेट

सबसे अधिक स्कूली बच्चों को तकलीफ

ग्वालियर रोड क्रासिंग बंद होने से सबसे अधिक स्कूली बच्चों को तकलीफ उठानी पड़ रही है। रोजाना हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों को पठौरिया आदि इलाकों की तंग गलियों से होकर स्कूल जाना पड़ता है। इससे अक्सर इन गलियों में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। बच्चे यहीं काफी देर तक फंसे रह जाते हैं। स्कूल से लौटने के बाद इनको दोबारा ट्यूशन कोचिंग जाते समय फिर यही परेशानी झेलनी पड़ती है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *