ललितपुर। जिले के धौर्रा क्षेत्र में इमारती पत्थरों का खनन फिर से शुरू करने की तैयारी हो रही है। यहां खाली पड़ी करीब 100 हेक्टेयर जमीन पर ब्लॉक बनाकर पट्टे दिए जाएंगे। इस भूमि का खनन और वन विभाग की टीम जल्द सर्वे करेगी।
जाखलौन के धौर्रा क्षेत्र को इमारती पत्थरों के लिए जाना जाता है। यहां का पत्थर गुणवत्ता के मामले में काफी बेहतर है। पहले यहां से निकलने वाली इमारती पत्थर मध्य प्रदेश व राजस्थान तक जाता था। साल 2018-19 में इमारती पत्थरों के खनन पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद से यहां काम बंद हो गया और करीब 100 हेक्टेयर जमीन काे पीएसी के लिए चिह्नित किया गया। लेकिन पीएसी का निर्माण नहीं हो सका।
इसके बाद खाली पड़ी भूमि का उपयोग करने और इमारती पत्थरों के ब्लॉक तैयार कर खनन पट्टे देने की कार्ययोजना खनिज विभाग ने तैयार की थी। लेकिन जमीन वन विभाग की होने से सर्वे के लिए वन विभाग को पत्र लिखा गया। वन विभाग ने जमीन को चिह्नित करने की तैयारी है। इसके लिए दोनों विभाग की टीमें जल्द जमीन का सर्वे करेंगीं। इसके लिए प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी ने विभागीय टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। सर्वे के बाद यहां इमारती पत्थरों का खनन होगा और पट्टे दिए जाएंगे।
धौर्रा क्षेत्र में खाली पड़ी करीब सौ हेक्टेयर भूमि का खनिज विभाग के साथ मिलकर संयुक्त सर्वे करेंगे। इस भूखंड में वन विभाग अपनी भूमि खोजेगी। भूमि को सुरक्षित किया जाएगा।
दीक्षा भंडारी, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी
धौर्रा में भूमि का सर्वे किया जाना है। इमारती पत्थरों के खनन और पट्टे देने को लेकर आठ मई को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा। – शशांक शर्मा, जिला खनन अधिकारी