
राजबाड़ा से दूर बनेगा मेट्रो स्टेशन
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर के मध्य क्षेत्र में मेट्रो रूट में थोड़ा बदलाव हुआ है। अब मेट्रो स्टेशन शहर की शान राजवाड़ा से 250 मीटर दूर बनेगा। हाल ही में 40 करोड़ रुपये खर्च कर राजवाड़ा को अगले 100 वर्षों के लिए मजबूत किया गया है। मध्य क्षेत्र के व्यापारिक और सामाजिक संगठन लंबे समय से मेट्रो को वहां से निकालने का विरोध कर रहे थे। इसके बाद पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी राजवाड़ा के पास अंडरग्राउंड मेट्रो के काम पर आपत्ति लेते हुए अफसरों को पत्र लिखा था। ताई की नाराजगी दूर करने मेट्रो कंपनी के एमडी निकुंज श्रीवास्तव को ताई से मिलने इंदौर आना पड़ा।
मल्हारगंज या सदर बाजार के आसपास होगा
ताई की आपत्ति का असर यह रहा कि राजवाड़ा के पास मेट्रो का स्टेशन खिसक कर मल्हारगंज और सदर बाजार क्षेत्र के समीप पहुंच गया। यहां एक बगीचे के समीप अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा। पहले यह स्टेशन राजवाड़ा चौक के समीप ही बन रहा था, हालांकि मेट्रो स्टेशन में बदलाव से राजवाड़ा पर जाने वाले यात्रियों को थोड़ी परेशानी होगी, क्योंकि उन्हें राजवाड़ा तक आने के लिए 250 मीटर तक पैदल चलना होगा।
बड़ा गणपति तक फर्क पड़ेगा
रुट में किए गए बदलाव के बाद अफसर नहीं चाहते कि फिर कोई आपत्ति आए,क्योंकि बदलाव के कारण बड़ा गणपति क्षेत्र तक के अलाइनमेंट पर फर्क पड़ेगा। इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन के अलावा व्यापारी चाहते थे कि मध्य क्षेत्र शहर के व्यापार का बड़ा केंद्र है। मेट्रो निर्माण के लिए तोड़फोड होगी तो उन्हें परेशानी का सामना करना होगा।
अभी यहां चल रहा काम
फिलहाल एयरपोर्ट रोड से गांधी नगर, लवकुश चौराहा, सुखलिया ग्राम, विजय नगर, खजराना तक मेट्रो रुट का काम चल रहा है। इस हिस्से में सितंबर तक सरकार मेट्रो का ट्रायल रन करना चाहती है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी अफसरों को मध्य हिस्से में आएगी। मेट्रो पलासिया से एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड रहेगी।
यह है मेट्रो का रूट
इंदौर में पहले चरण में मेट्रो का रूट 31 किलोमीटर है। मेट्रो रूट इंदौर एयरपोर्ट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, रोबोट चौराहा, खजराना होते हुए पलासिया, गांधी हॉल, बड़ा गणपति, एयरपोर्ट तक रहेगा। मेट्रो की यह रिंग बनने में पांच साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
शहर का 30 फीसदी हिस्सा ही हो रहा कवर
स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ का कहना है कि अभी जो मेट्रो का रुट है। उसमें शहर का सिर्फ 30 फीसदी हिस्सा ही कवर हो रहा है, जबकि शहर काफी फैल गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि मेट्रो रुट पलासिया के बजाए बंगाली काॅलोनी चौराहा से आगे बढ़ाकर पिपलियाहाना चौराहा, एमवाय अस्पताल, रेलवे स्टेशन, गंगवाल बस स्टेशन होते हुए रीगल चौराहा से गांधी हाॅल, बड़ा गणपति और एयरपोर्ट हो सकता है।
मध्य क्षेत्र में खोदाई में मुश्किल होगी
कृषि काॅलेज के आसपास का हिस्सा चौड़ा होने के कारण यहां भूमिगत निर्माण में परेशानी भी नहीं आएगी। मध्य क्षेत्र में साठ फीट गहरी खोदाई के लिए 100 फीट चौड़ाई में खोदाई होगी। इसमें बड़ी मुश्किल आएगी। यदि पिपलहाना क्षेत्र वाला रुट जोड़ा जाता है तो नई जिला कोर्ट, रेलवे व बस स्टेशन, एमवाय अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्थान भी मेट्रो रूट से जुड़ जाएंगे।