
ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह.
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर आपस में भिड़ गए हैं। इस बार दोनों के जुबानी जंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी इंट्री हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी भी इस होड़ में शामिल है। सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा।
दरअसल, शुक्रवार को उज्जैन में दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि इस बार सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। हे महाकाल, कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा न हो। जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया उस समय राजा-महाराजा बिक गए थे, लेकिन दलित और गरीब विधायक हमारे साथ रहे थे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शाम को ट्वीट किया कि- हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाढार, भारत में पैदा ना हो।
इस जुबानी जंग पर शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिंधिया जी और जो कांग्रेस छोड़कर साथी भाजपा में आए हैं, उन्हें दिग्विजय सिंह जी गद्दार बता रहे हैं। वह याद रखें कि वह गद्दार नहीं, खुद्दार हैं। आखिर वे कांग्रेस में कितना अपमान सहते। चुनाव लड़ा सिंधिया जी के नाम पर और मुख्यमंत्री बना दिया बुजुर्ग कमलनाथ जी को। और सरकार भी कमलनाथ जी नहीं पीछे से दिग्विजय सिंह चला रहे थे। कमलनाथ जी तो नाममात्र के चेहरे थे। बार-बार सिंधिया जी और उनके साथी जनसमस्याओं की तरफ ध्यान दिला रहे थे। कमलनाथ जी का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया जी ने कहा कि हम सड़कों पर उतरेंगे तो कहा उतर जाओ।
शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी में घमंड इतना कि कहते हैं कि मैं गाड़ी में बैठा कर दूसरी पार्टी में छोड़ आऊंगा। कोई भी खुद्दार यह कैसे बर्दाश्त करता। मिलने जाए तो कहते थे चलो-चलो… आखिर कितने अपमानित होते। और एक बात मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि अगर वह गलत लोग होते तो जनता उनको हजारों वोटों से कैसे जिताती? जो कांग्रेस में रहकर 1000-2000 वोटों से जीते थे, वे भाजपा में आकर 50-60 हजार वोटों से जीते। उन्होंने इस्तीफा दिया। चुनाव लड़ा। शान से जीत कर आए। लेकिन कांग्रेस में तो छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी हुई है। हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी भी इस होड़ में शामिल है। सूत न कपास जुलाहों में लठ्ठम लट्ठा। कांग्रेस का क्या होगा भगवान मालिक है।