
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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भिंड जिले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष ने सिंधिया परिवार की तारीफ में कसीदे पढ़े कि ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की राजनीति में अटकलों का बाजार गरमा गया है। कांग्रेस के बड़े नेता चौकन्ने हो गए हैं। पार्टी में रहकर अभी भी सिंधिया के प्रति भक्ति रखने वालों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। अंचल में लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं कि चंबल इलाके के एक कांग्रेस विधायक और एक पूर्व विधायक सिंधिया के संपर्क में हैं।
भिंड जाकर हलचल मचा आये सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लम्बे अरसे बाद एक बार फिर चंबल इलाके में दस्तक दी। वे कांग्रेस में हलचल मचा आए। सिंधिया भिंड जिले के दौरे पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने ऊर्जा विभाग से जुड़े कुछ कामों का शिलान्यास किया। फिर परिवार से जुड़े पूर्व विधायक हरी सिंह नरवरिया के गांव पहुंचे। नरवरिया माधव राव सिंधिया के काफी करीबी थे। उन्होंने 1990 में उन्हें सरकारी नौकरी छुड़वाकर भिंड की मेहगांव विधानसभा सीट से टिकट दिया। वे जीते भी थे। हालांकि, इसके बाद उन्हें टिकट तो मिला लेकिन जीत नहीं। उन्होंने लंबे समय तक महल में अपना जनसम्पर्क अधिकारी बनाकर रखा। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया। उन्होंने भी खुद को समेट लिया था। तीन साल पहले कोरोना की चपेट में आने से उनकी असामयिक मौत हुई थी। सिंधिया विगत दिनों उनके गांव में लगाई उनकी प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष बोले- मैं सिंधिया परिवार का वफादार
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष जयश्रीराम बघेल भी पहुंचे थे। वे भी लंबे अरसे से सिंधिया परिवार के नजदीक हैं। हालांकि, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सरकार गिराकर बीजेपी का दामन थामा तो बघेल उनके साथ नहीं गए। प्रतिमा अनावरण मंच पर बघेल को भी बोलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मैं पक्का कांग्रेसी हूं। कांग्रेस मेरी विचारधारा है। मैं चुनौती देता हूं कि कोई भी शक्ति मुझे मेरी विचारधारा से विचलित नहीं कर सकती। लेकिन महाराज मेरे दिल में रहेंगे। इस खानदान ने मुझे बढ़ाया है। बड़े महाराज (माधवराव ) ने मुझे अध्यक्ष बनाया और टिकट दिया।
सिंधिया बोले उधर रह गए लेकिन मेरे है
इस मौके का फायदा उठाने में सिंधिया भी चुके नहीं। उन्होंने बघेल की बात मुस्कराते हुए सुनी। जब उनका बोलने का मौका आया तो उन्होंने कहा कि जयश्रीराम बघेल भले ही उधर रह गए हैं, लेकिन अब भी मेरे हैं। यह दिल का रिश्ता होता है। मैंने कांग्रेस और बीजेपी को एक कर दिया इस मंच पर। जयश्रीराम और सिंधिया का यह संवाद सुनकर वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं।
गोविन्द और राकेश दोनों के विरोधी है बघेल
जयश्रीराम बघेल को नेता प्रतिपक्ष और दिग्गज विधायक डॉ गोविन्द सिंह और पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह दोनों का विरोधी माना जाता है। वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहते दोनों के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयान देकर पार्टी को मुसीबत में डालते रहे हैं। विगत उप-चुनाव में राकेश चौधरी मेहगांव से पार्टी प्रत्याशी बनना चाह रहे थे। उनकी दावेदारी मजबूत भी थी लेकिन बघेल ने खुली चेतवानी दे दी थी। ऐसा हुआ तो वे इस्तीफा देकर खुद मैदान में उतर जाएंगे। उनके कहने पर भी पार्टी ने अटेर से विधायक रहे हेमंत कटारे को मेहगांव से उतारा और वे हार गए।
सिंधिया के दौरे के उनके समर्थक फिर संदेह के दायरे में
भिंड दौरे के समय मंच पर बघेल और सिंधिया द्वारा अपने उद्वोधन के जरिये हुए संवाद ने एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। कांग्रेस में रह गए सिंधिया समर्थकों को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। कयास यह भी है कि सिंधिया अपने पूर्व समर्थक मौजूदा विधायक पर डोरे डाल रहे हैं। एक पूर्व विधायक भी सिंधिया से नजदीकी बढ़ा रहे हैं। वे कांग्रेस की जगह बीजेपी से टिकट चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सिंधिया को अपने ही समर्थक विधायक का टिकट काटना होगा।