श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की सशुल्क दर्शन व्यवस्था ने आम भक्तों को महाकाल से दूर कर दिया है। समिति दावा कर रही है कि नई व्यवस्था से गणपति मंडपम से 25-30 मिनट में ही बाबा महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हैं। जब इस दावे की पड़ताल की गई तो ज्यादातर भक्तों ने इसकी पोल खोल दी। अमर उजाला से बातचीत में भक्तों ने कहा कि ढाई से तीन घंटे लग रहे हैं। यह जानकर कुछ भक्त तो दर्शन करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाए और शिखर दर्शन कर लौट गए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने सोमवार को दावा किया था कि शनिवार-रविवार को तीन लाख से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। दर्शनार्थी महाकाल लोक में मानसरोवर भवन से प्रवेश कर मानसरोवर के बैरिकेट्स से, फेसिलिटी सेंटर एक एवं दो से लाइन में लगकर, मंदिर परिसर से होते हुए गणपति मंडपम के बैरिकेट्स से दर्शन कर रहे है। इस दौरान भक्तों को 20 से 25 मिनिट का समय लग रहा है। इससे दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालु से प्रसन्नचित्त महसूस कर रहे हैं। हालांकि, बिहार की राजधानी पटना से परिवार के साथ बाबा के दरबार में पहुंची सुनीता कुमारी ने बताया कि हमें तो ढाई से तीन घंटे का समय लग गया दर्शन में। मंदिर के अंदर की सुविधाएं तो ठीक हैं, लेकिन कुछ जगहों पर शेड्स होने चाहिए। पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी तरह श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम होने चाहिए। इसी तरह का अनुभव बडवानी जिले से आए गौरव नरगावे का भी रहा। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था तो नहीं दिखी, लेकिन दर्शन में ढाई-तीन घंटे का समय लगा। मंदिर प्रबंध समिति को पेयजल की व्यवस्था करना चाहिए।
ठीक से दर्शन न हो पाने का मलाल
उज्जैन जिले के बड़नगर से आए ओमप्रकाश चौहान ने कहा कि मंदिर में अब दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बदल गई है। पहले हम बाबा महाकाल को स्पर्श कर पाते थे। जल चढ़ा पाते थे। अब सिर्फ पैसे वाले ही ऐसा कर पा रहे हैं। मंदिर में भागो-भागो वाली दर्शन व्यवस्था रह गई है। भगवान को चढ़ाया गया प्रसाद लेने वाला कोई भी नहीं था। लोगों ने कुछ सेकंड में ही चलो-चलो कहकर आगे बढ़ा दिया। तीन घंटे लाइन में खड़े रहने के बावजूद बाबा महाकाल के ठीक से दर्शन नहीं हो सके। तराना से आए निकेश प्रजापति ने कहा कि मानसरोवर गेट पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन थी। जानकारी निकाली तो पता चला कि बाबा के दर्शन में तीन-तीन घंटे लग रहे हैं। तब मैंने शिखर दर्शन किए और निकल आया।
अच्छे अनुभव भी सामने आए
संदीप सोनी के मुताबिक दिव्यांगों और वृद्धजनों के लिए निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा की गई है। मंदिर प्रबंध समिति ने गर्मी को देखते हुए दर्शनार्थियों के जल व्यवस्था, हॉल्स में कूलर-पंखे और मेटिंग और धूप से बचने के लिए टेंट की पर्याप्त व्यवस्था की है। इसकी तारीफ भी कुछ भक्तों ने की। इंदौर से आए सुनील यादव ने कहा कि मैं माता-पिता के साथ दर्शन करने आया था। मंदिर में व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई थी, जो काफी अच्छी बात है। बाबा महाकाल के दर्शन हो गए। सुविधाएं भी अच्छी थी। इंदौर के अपूर्व जोशी ने कहा कि सामान्य लाइन में दर्शन करने पर भी हमें भगवान के दर्शन हो गए। कुछ समय लगा। कुछ स्थानों पर गार्ड तैनात हो जाएंगे तो व्यवस्था बेहतर हो सकती है।