झांसी। कुख्यात लेखराज सिंह यादव को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने की कोशिश करने के आरोप में सात महीने से जेल में बंद गरौठा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव की शनिवार की शाम जेल से रिहाई हो गई। न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वे बाहर आए।
कन्नौज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुख्यात लेखराज सिंह यादव को 16 सितंबर 2022 को पेशी पर झांसी लाया गया था। आरोप था कि यहां से वापस कन्नौज ले जाते समय पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव ने उसे पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का षड़यंत्र रचा था। इस मामले में पुलिस ने उन्हें 26 सितंबर 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके अलावा पुलिस ने दीपनारायण के 18 करीबियों को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दीपनारायण पर झांसी, जालौन व उन्नाव जिले में सात अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई थी। दिसंबर माह में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव भी दीपनारायण सिंह से मिलने जेल पहुंचे थे।
मुकदमों में जमानत मिलने के बाद सात महीने दस दिन जेल में बिताकर वे शनिवार की शाम तकरीबन 7.30 बजे बाहर आए। उन्हें लेने दो गाड़ियां पहुंची थीं। इनमें से एक गाड़ी में बैठकर वे चले गए।
विजिलेंस और ईडी की जांच है जारी
झांसी। पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर 30 जुलाई 2022 को विजिलेंस थाने में आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि विधायक रहते हुए दीपनारायण को 14 करोड़ 30 लाख रुपये की आय हुई थी, जबकि खर्च 37 करोड़ 32 लाख रुपये पाया गया था। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मुकदमा दर्ज किया था। इन दोनों मुकदमों की जांच जारी है।
500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति हो चुकी है जब्त
झांसी। दीपनारायण के जेल जाने के बाद उनकी पांच सौ करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इनमें से 23 गाड़ियां, आरटीओ ऑफिस के पास स्थित आवास, ओरछा रोड पर स्थित स्पेस मून सिटी, मोंठ में स्थित स्कूल, कॉलेज व नवाबाद थाना इलाके में स्थित उनकी जमीनें शामिल हैं।