Indore, MP, IndiaMother tightly held the bus seat by hiding one and a half year old daughter in her lap, both

बस हादसे में इस तरह बेटी को बचाया आरती ने।
– फोटो : amar ujala digital

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खरगोन बस हादसे ने 24 लोगों की जिंदगी पलभर मेें छिन ली। हंसते-मुस्कुराते लोग पल भर में लाश में बदल गए, लेकिन कुछ खुशकिस्तम भी थे, जो बस में सवार थे, लेकिन हादसे में उन्हें मामूली चोट आई। मौत उनके करीब से गुजर गई। उन्ही में से एक है इंदौर की आरती मंसोरे, जो अपनी डेढ़ साल की बेटी वीरा के साथ बस में सवार थी। हादसे के समय आरती ने एक हाथ से बेटी को गोद में पकड़ा और दूसरे हाथ से कसकर सीट पकड़ ली। बस जब नदी में गिरी। आरती को भी जर्क लगा, लेकिन उसने पकड़ ढीली नहीं होने दी। हादसे में उसका बस आधा दांत टूटा। मां की गोद बेटी के सुरक्षाकवच बनी। हादसे में दुधमुंही वीरा को कुछ नहीं हुआ। वो बस घबराकर रोती रही।

 

फोन लगाकर भाई को बुलाया

मैं अपने मायके में गई थी। भाई मुझे बस स्टाॅप पर छोड़ने आया था। बस में चौथे नंबर की सीट पर बेटी वीरा के साथ बैठी थी। ब्रिज केे पहले बस लहराई तो मैं डर गई। मैने कसकर गोद में सोई बेटी वीरा को पकड़ा और झुककर दूसरे हाथ से सीट पकड़ी। इसके बाद तो बस रैलिंग तोड़कर सीधे नदी में जा गिरी। बस पलट गई थी। वीरा जोर-जोर से रोने लगी। मैने खुद को संभाला और आसपास देखा। बस में लोग चिल्ला रहे थे। किसी के सिर से खून बह रहा था तो किसी का पैर सीट में फंस था। टक्कर के कारण बस में पीछे की तरफ बैठे यात्री भी झटके से आगे की तरफ आ गए थे। मुझे बस में किसी को फोन दिखा। मैंने उठाया और भाई का नंबर लगाया। उसे बस हादसे के बारे में बताया। मैं बस में हादसे के पहले वाले स्टाॅप से ही बैैठी थी। थोड़ी ही देर में भाई आ गया। तब तक मुझे ग्रामीणों ने बस की खिड़की की शीशा तोड़कर बाहर निकाल लिया था। इसके बाद हमें खरगोन के जिला अस्पताल में पहुंचाया गया ( जैसा आरती ने अमर उजाला को बताया)

पति ने कहा- मेरे लिए सबसे यादगार दिन

पति जितेंद्र इंदौर में एक सुरक्षा एजेंसी में काम करतेे है। हादसे की खबर मिलने के बाद वे तुरंत इंदौर से खरगोन के लिए रवाना हुए। जितेंद्र ने कहा कि हादसे में पत्नी और बेटी का बचना मेरे लिए भगवान का सबसे अच्छा उपहार है और यह मेरी जिंदगी की यादगार दिन रहेगा। जब मैं अस्पताल पहुंचा और मुस्करा रही पत्नी की गोद में वीरा को सोते हुए देखा। उस पल को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा।

 



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