
राम नाम लेखन में बढ़ी लोगों की रूचि
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हिन्दू धर्म ग्रंथों में श्री राम नाम की अपार महिमा का वर्णन किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि कलियुग केवल नाम आधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा। धर्म और संस्कृति को अपने कंधों के सहारे आगे बढ़ाने वाले लोग लगातार श्री राम नाम लेखन कार्य में लगे हैं। श्री राम नाम बैंक का श्री राम नाम धन 30 करोड़ के पार पहुंच गया। श्री राम नाम लेखन में दिनों दिन लोगों की रूचि बढ़ रही है।
शहर की चौपाटी में स्थित हिंदू उत्सव समिति द्वारा संचालित श्री राम नाम बैंक में पुष्य नक्षत्र के अवसर पर श्री राम रक्षा स्त्रोत का सामूहिक पाठ किया गया। समिति के अध्यक्ष पवन मिश्रा ने बताया कि सवा दो वर्ष पहले श्रीराम नाम बैंक की स्थापना हुई थी। बैंक के माध्यम से राम नाम लेखन करने वालों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं।
बीते दिनों रवि शंकर शुक्ला पिपौरकला ने पांच लाख, नंदकुमार सिंह ने 20 लाख 68 हज़ार, मनीराम प्रजापति ने सात लाख, मुन्ना लाल विश्वकर्मा ने तीन लाख, लक्ष्मी रावत ने सामूहिक रूप से 42 लाख, रघुवीर शरण गंगेले ने 52 लाख, छोटेलाल कुशवाहा ने आठ लाख रामनाम धन जमा किया। इस तरह बैंक का कुल रामनाम धन 30 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है।