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Cheetah in Shivpuri: Namibian cheetah is liking Madhav National Park, Oban hunted two deer

नामीबियाई चीते ओबान ने दो हिरणों को भी अपना शिकार बनाया है।
– फोटो : फाइल फोटो

विस्तार

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से भागे नामीबियाई चीते ओबान को अब माधव नेशनल पार्क की आबोहवा रास आ रही है। यहां भोजन की आसानी से उपलब्धता और इस नेशनल पार्क का प्राकृतिक वातावरण चीते को अपने अनुकूल लग रहा है। यही कारण है पिछले तीन दिन से ओबान ना केवल इस नेशनल पार्क के जंगल में स्वच्छंद विचरण कर रहा है, बल्कि इस दौरान उसने दो हिरणों को भी अपना शिकार बनाया है। गुरुवार की सुबह नामीबियाई चीते ओबान की लोकेशन माधव नेशनल पार्क के बलारपुर कंपाउंड के पास परासरी बताई गई। बुधवार को ओबान ने पूरा दिन डोंगर गांव में एक फार्म हाउस के अंदर टमाटर के खेत में आराम करते हुए बिताया था।

माधव नेशनल पार्क के प्रबंधक और सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क से भागकर माधव नेशनल पार्क में आए चीते को जहां का माहौल रास आएगा, वह वहां रह सकता है। प्रोटोकॉल के तहत यदि चीता गांव या शहर के आस-पास पहुंचता है तो उसे रेस्क्यू करना पड़ता है। फिलहाल चार टीमें लगातार रेडियो कॉलर की मदद से चीते को ट्रैक कर उसकी सुरक्षा में जुटी हुई हैं, वहीं चीते की हर गतिविधि पर टीम लगातार नजर रख रही है।

ओबान का शिवपुरी में पांचवां दिन

15 अप्रैल शनिवार की रात कूनो नेशनल पार्क से भागे नामीबियाई चीते ओबान का शिवपुरी में गुरुवार को पांचवां दिन था। सबसे पहले चीता कूनो नेशनल पार्क की सीमा से सटे बैराड़ तहसील क्षेत्र के जंगल में पहुंचा, यहां दो दिन तक जौराई कैमई, रैय्यान, देवपुरा, ऊंची वरोद जरिया खुर्द और मारौरा-झलवासा गांवों से होता हुआ चीता तीन दिन पहले माधव नेशनल पार्क की उत्तरी सीमा में प्रवेश कर गया था। माधव नेशनल पार्क की चिटौरा चिटोरी बिनेगा और टुंडा भरका वाटरफॉल से रात में फोर लाइन क्रॉस कर ओबान बर्दखेड़ी गांव के नजदीक पहुंच गया, जहां शोर मचाने पर चीता खेतों की ओर भाग गया। बुधवार को डोंगर गांव के एक फॉर्म हाउस में आराम करने के बाद चीता रात में वहां से निकल गया। फिलहाल नामीबियाई चीते ओबान की लोकेशन माधव नेशनल पार्क के परासरी में बताई गई है।

माधव नेशनल पार्क थ्री बिग कैट की मौजूदगी वाला पहला पार्क

कूनो नेशनल पार्क से भागकर माधव नेशनल पार्क में पहुंचे नामीबियाई चीते ओबान की मौजूदगी ने इस नेशनल पार्क को अपने आप में बिग कैट स्पीशीज की एक ही स्थान पर उपलब्धता के लिए पहचान बनाने वाला देश का पहला नेशनल पार्क बना दिया है। पूरे देश में अभी तक किसी भी नेशनल पार्क में टाइगर, लेपर्ड और चीता एक साथ नहीं देखे गए हैं। 

 



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