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Sajjan Verma said on Mahakal darshan system - 'Sold lord Ram in the last election, now to sell Shankar'

प्रेसवार्ता में सज्जन सिंह वर्मा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हमारी सरकार ने कभी भगवान के नाम पर व्यापार नहीं किया भाजपा के लोग धर्म के नाम पर पाखंड करते हैं, पिछले चुनाव में उन्होंने भगवान राम को बेचा और अब भगवान शंकर को बेचने निकले हैं। यह बात महाकाल मंदिर में जारी सशुल्क दर्शन व्यवस्था का विरोध करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने पत्रकारवार्ता के दौरान कही। सज्जन वर्मा ने पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल पर कहा कि बाबा महाकाल हमारे भी इष्ट देव हैं, लेकिन जब मैं कैबिनेट मंत्री था तब भी मैं कभी गर्भगृह में दर्शन करने नहीं गया। मैंने हमेशा बाबा महाकाल के दर्शन व पूजन नंदी हॉल में बैठकर ही किए। भाजपा सरकार का काम सिर्फ और सिर्फ दिखावा और पाखंड करना है। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने 300 करोड़ रुपये स्वीकृत करवाकर इस योजना की शुरूआत की थी। लेकिन हम इस बात कर ढिंढोंरा बार बार नहीं पीटते। लेकिन भाजपा सरकार की स्थिति अब ऐसी हो चुकी है कि उन्हें महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था को सरल सुलभ बनाने से कोई लेना देना नहीं है, वह तो दर्शन के नाम पर भी रुपया कमाना चाहती है। इसीलिए साधु संतों और श्रद्धालुओं के कड़े विरोध के बावजूद भी सशुल्क दर्शन व्यवस्था जारी है। 

कमलनाथ नहीं मोदी हैं पाखंडी

पत्रकारवार्ता के दौरान जब पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से सवाल किया गया कि कांग्रेस भी अब कमलनाथ को हनुमान भक्त बता रही है, जो कि कर्नाटक चुनाव के दौरान निकले बजरंगबली का असर तो नहीं है। इस पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि लगभग 12-13 वर्ष पूर्व कमलनाथ जी ने छिंदवाड़ा में हनुमान जी की 101 फीट की प्रतिमा लगवाई थी और वह शुरू से ही हनुमानजी के भक्त हैं। जबकि पाखंडी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो कहते हैं कि वोट देने जाओ तो बजरंगबली बोलकर वोट डाल देना। आपने पीएफआई व बजरंग दल दोनों को समान बताया और यह भी कहा कि जिस तरीके से बजरंग दल के लोग आपराधिक कृत्य कर रहे हैं उससे यह स्वत: ही सिद्ध हो जाता है कि बजरंगबली का नाम लेकर यह बजरंग दल वाले उनका अपमान करते हैं। 

आखिर कहां गई शिप्रा नर्मदा लिंक योजना

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 400 करोड़ की नर्मदा शिप्रा लिंक योजना का खूब ढिंढोरा पीटा था और ऐसा प्रदर्शित किया था कि शहर में जब भी जलसंकट होगा तब नर्मदा का पानी शिप्रा में मिलाकर उज्जैन की प्यास बुझाई जाएगी। लेकिन इस योजना के साथ ही अब तक बनाई गई कई योजनाओं में करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी मां शिप्रा का अब तक उद्धार नहीं हो पाया है। 

उज्जवला में गैस दी, लेकिन टंकी महंगी कर दी

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह एक हाथ से देते जरूर हैं, लेकिन दूसरे हाथ से उससे ज्यादा छीन लेते हैं। कुछ वर्षों पूर्व उज्जवला योजना आई थी और भोले भाले लोगों को यह सपने दिखाए गए थे कि उज्जवला योजना उनके जीवन को उज्जवल करेगी। लेकिन उज्जवला योजना के दौरान गैस के चूल्हे वितरण करने के बाद ही गैस की टंकी लगातार महंगी होती गई। जिसके कारण शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति यह हो चुकी है कि कई लोगों ने तो ये चूल्हे पैक करके ही रख दिए है। सज्जन वर्मा ने कहा कि केंद्र में जब हमारी सरकार थी तब हम 400 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाते थे, लेकिन आज यही गैस सिलेंडर 1200 रुपये में दिया जा रहा है, जिससे लोगों की जेब पर सीधे 800 अधिक का भार पड़ा है।

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