
छह शवों का हुआ अंतिम संस्कार
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मुरैना जिले के लेपा गांव में बीते रोज पुरानी दुश्मनी के चलते एक पक्ष के लोगों ने लाठी और रायफल से लैश होकर दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया था। आरोपियों ने पहले महिला-पुरुषों के साथ लाठियों से मारपीट की। इसके बाद एक-एक कर छह लोगों को गोलियों से भून दिया। मृतकों में तीन महिला तथा तीन पुरुष शामिल हैं। इसके अलावा दो लोग गंभीर हालत में ग्वालियर जिला अस्पताल में भर्ती हैं। मृतकों में महिला मधु तोमर आठ महीने की प्रेग्नेंट थी।
पुलिस पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शुक्रवार शाम करीब सात बजे छह शव लेकर लेपा गांव में पहुंच गई थी। यहां पर परिजनों ने आठ नए शस्त्र लाइसेंस, रहने के लिए आवास, मृतकों के बच्चों के लिए सरकारी मुआवजा राशि और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के साथ उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग रखते हुए अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। पुलिस अधिकारियों के साथ एसडीएम और तहसीलदार ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इस दौरान शव अंतिम संस्कार के इंतजार में रात भर घर के दरवाजे पर रखे रहे।
वहीं, एसपी ने परिजनों की मांग स्वीकार करते हुए पांच नए शस्त्र लाइसेंस देने के साथ ही मृतकों के परिजनों को सरकारी आवास, बीपीएल कार्ड तथा सुरक्षा के लिए 4-1 का गार्ड मुहैया कराने का आश्वासन दिया। एसपी के आश्वासन के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। इसके बाद दोपहर को एक साथ छह अर्थी दरवाजे से उठी तो लोगों का कलेजा दहल गया। अर्थी के पीछे लोगों का हुजूम चल रहा था। पुलिस की सुरक्षा में आसान नदी किनारे अंतिम संस्कार किया गया, जिसने भी यह मंजर देखा, उसका दिल बैठ गया। अर्थी के पीछे चल रहे लोगों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पूरा गांव गमगीन था।
इस पूरे गोलीकांड के बाद का एक वीडियो सामने आया है। गोली लगने के बाद सिहोनिया थाने में जाकर फरियादी ने गुहार लगाई थी। मृतक के परिजन पुलिस थाने में गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिसकर्मी का दिल नहीं पसीजा। पुलिसकर्मी वीडियो में कहते दिखाई दे रहे हैं कि जितने भी मर रहे हैं, उनको मर जाने दो थाने में स्टाफ नहीं है। घटना के बहुत देर बाद फोर्स इकट्ठा हुआ और एक घंटे बाद गांव पहुंचा। इस वीडियो के बाद अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।