झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में अब मरीजों को दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस बार से कॉलेज को 18 करोड़ रुपये बजट मिलेगा। ऐसे में डेढ़ करोड़ रुपये की और दवाएं खरीदी जा सकेंगी। नौ करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी भी कर दी गई है।

मेडिकल कॉलेज को अब तक शासन की ओर से 15 करोड़ रुपये बजट मिलता था। इसमें 50 फीसदी पैसा दवाओं की खरीद और 25-25 प्रतिशत बजट ऑक्सीजन गैस व ब्लड सैंपल की जांच का केमिकल खरीदने पर खर्च किया जाता है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन साढ़े सात करोड़ रुपये की दवाएं ही खरीद पाता था। इस बार शासन ने तीन करोड़ रुपये बजट बढ़ा दिया है। यानी कि इस साल से कॉलेज प्रशासन को 18 करोड़ रुपये बजट मिलेगा। चूंकि, बजट का आधा पैसा दवाओं की खरीद पर खर्च होता है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन नौ करोड़ रुपये की दवाएं खरीद सकेगा, जो कि पिछले साल से डेढ़ करोड़ रुपये अधिक है। साथ ही 75-75 हजार रुपये अधिक की ऑक्सीजन गैस और केमिकल की भी खरीद हो सकेगी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि बजट की नौ करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी हो गई है।

रोजाना दो लाख की दवाओं की खपत

मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोजाना औसतन डेढ़ हजार मरीज दिखाने के लिए आते हैं। करीब सौ मरीज भर्ती होते हैं। 20 से 25 मरीजों के ऑपरेशन होते हैं। बताया गया कि रोजाना करीब दो लाख रुपये दवाओं की खपत होती है। अब तक कम बजट होने की वजह से दवाएं खत्म हो जाती थीं। ऐसे में मरीजों को सैकड़ों रुपये की दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती थीं।



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