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The seating capacity of the bus was 52, 69 passengers were filled like sheep and goats

खरगोन जिला अस्पताल में घायल।
– फोटो : amar ujala digital

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खरगोन बस हादसे में अफसरों की लापरवाही सामने आई है। जिस मार्ग पर हादसा हुआ, वहां ज्यादातर बसें ओवरलोड चलती हैं। कभी एक्शन नहीं होता। ग्रामीणों की शिकायत है कि हादसे की एक वजह बस की ओवरलोडिंग भी थी। बस का न तो स्टीरयिंग फेल हुआ और न ही सामने कोई वाहन था। इसके बाद भी 50 फीट ऊंचे पुल से बस नीचे सूखी नदी में गिर गई। चालक खुद बस इतनी तेज चला रहा था कि ब्रिज के पहले हल्के मोड़ पर वह स्टीरयिंग संभाल नहीं सका और बस रैलिंग तोड़कर ब्रिज से नीचे जा गिरी।

बस की क्षमता 52 सीटर थी। बस कंडक्टर ने भेड़-बकरियों की तरह 69 सवारियां बस में भर ली थी। इसके बाद भी बस की रफ्तार धीमी रखने के बजाय इतनी तेज थी कि सीमेंट की रैलिंग भी बस को ब्रिज के नीचे गिरने से नहीं रोक पाई। इस मामले में खरगोन आरटीओ बरखा गौर शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है। हादसे में 42 यात्री घायल हुए और 25 यात्रियों की मौत हुई है। एक-दो यात्रियों को मामलू चोटें आई है। मां शारदा बस सर्विस की बस इंदौर रुट पर रोज चलती है। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में बस फिटनेस, रजिस्ट्रेशन ठीक पाया गया, लेकिन अेावरलोडिंग को लेकर बस पर एक्शन नहीं लिया गया। हादसे के पांच किलोमीटर पहले ही ड्राइवर सुनील राठौर ने बस में दस-पंद्रह सवारियां बिठाई थी। बस में एक भी सीट खाली नहीं थी।

दो बार लहराई बस, फिर रैलिंग से टकरा गई

बस में सवार यात्री राहुल ने बताया कि वह ड्राइवर सीट से चौथे नंबर की सीट पर बैठे थे। डोंगरगांव के समीप बस रुकी। ड्राइवर ने बस में सवारियां बैठाई। दूसरे स्टाॅप से सवारियां बिठाने की होड़ में ड्राइवर बस तेजी से भगा रहा था। यात्रियों ने कंडक्टर को भी कहा कि बस थोड़ा धीरे चलाने को बोले, लेकिन उसने भी नहीं सुनी। ब्रिज आने के बावजूद ड्राइवर ने रफ्तार कम नहीं की और ब्रिज से पहले मोड पर बस दो बार लहराई। स्पीड कम नहीं होने से बस रैलिंग से टकराई और नदी में जा गिरी।

घायल बोले मंत्री से- तेज बस चला रहा था ड्रायवर

दोपहर में जिला अस्पताल में जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल घायलों से मिलने पहुंचे। घायलों ने उन्हें बताया कि बस की गति काफी तेज थी। इसलिए सड़क हादसा हुआ। एक घायल महिला का सिर मेें सूजन देख मंत्री ने डाक्टरों से एमआरआई का पूछा तो उन्होंने कहा कि एमआरआई नहीं कराई। इस पर मंत्री नाराज हो गए और कहा कि सिर में सूजन होने के बाद भी लापरवाही क्यों बरती।

परिवहन मंत्री ने कहा- झपकी लग गई थी ड्राइवर को 

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बस के कागजात सही पाए गए हैं। ऐसा लग रहा है कि ड्राइवर की झपकी लग गई थी और इसी वजह से यह हादसा हुआ। 

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