
संभव और उसका पालतू कुत्ता एलेक्स
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कुत्ते वफादारी की मिसाल यूं ही नहीं कहे जाते। झांसी की घटना ने इसे फिर साबित किया है। वाकई यह कहानी हर आंख में नमी लाने वाली है। झांसी की नालंदा कालोनी में रहने वाले रेलवे अधिकारी आनंद अग्निहोत्री के इकलौते बेटे संभव ने डिप्रेशन में फांसी लगाकर जान दे दी।
उस वक्त घर में केवल वह था और उसका पालतू कुत्ता एलेक्स। बेबस एलेक्स ने मालिक को फांसी पर झूलते देखा तो छटपटा उठा। फंदे पर झूल रहे मालिक के पैरों पर एलेक्स के पंजों के अनगिनत निशान बता रहे हैं वह संभव को बचाने की हर संभव कोशिश करता रहा। पुलिस पहुंची तो गुस्से में चौकी इंचार्ज पर हमला कर दिया।
उस वक्त एलेक्स के गुस्से को देख पुलिस भी पीछे हट गई थी। पहले एलेक्स को काबू करने के लिए जाल फेंका गया लेकिन वह फिर भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। संभव का वफादार कुत्ता किसी भी स्थिति में अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं था। बाद में नगर निगम की टीम ने कुत्ते को बेहोशी की दवा दी तो ओवरडोज से एलेक्स ने दम तोड़ दिया। एक ही कमरे में फर्श पर रहे संभव और एलेक्स के शव वफादारी की कहानी कह रहे हैं।
एलेक्स को एक दिन भी अकेला नहीं छोड़ता था संभव
यूपीएससी की तैयारी कर रहा संभव पांच साल पहले जर्मन शैफर्ड नस्ल का कुत्ता लाया था। परिवार वालों ने बताया कि उस वक्त कुत्ता केवल 10 दिन का था। संभव ने उसका नाम एलेक्स रखा था। संभव के मामा अभिषेक ने बताया कि संभव एलेक्स से बहुत लगाव करता था। एलेक्स अकेला न रह जाए इसलिए वह कभी शादी या रिश्तेदारी तक में नहीं जाता था।