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Four suspended for corruption in PWD.

प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

पीडब्ल्यूडी में बजट खपाने का अजब खेल सामने आया है। पूर्वांचल में बिहार बॉर्डर पर स्थित एक सड़क के निर्माण के लिए 31 मार्च को 1.5 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया। उसी दिन मौके पर काम दिखाने के बाद भुगतान भी कर दिया गया। विभाग की यह ”जादुई छड़ी” सामने आने पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। उच्च स्तर से अधिशासी अभियंता समेत चार अभियंताओं को निलंबित करने का फैसला ले लिया गया है।

गाजीपुर के निर्माण खंड में बिहार बॉर्डर पर दिलदार नगर-देवल संपर्क मार्ग है। इस सड़क के नवीनीकरण के लिए पिछले वित्त वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को 1.5 करोड़ रुपये जारी किए गए। दो फर्जी बिल बनाकर उसी दिन एक फर्म के लिए भुगतान भी कर दिया गया। पूरे मामले की शासन ने गाजीपुर के जिला प्रशासन से जांच कराई तो वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई। हालांकि, बताते हैं कि जांच में मामला पकड़ में आने के बाद स्थानीय इंजीनियरों ने आनन-फानन में मौके पर काम भी करा दिया।

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पूरे प्रकरण में योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए अधिशासी अभियंता पतंजलि जी श्रीवास्तव, सहायक अभियंता अनिकेत गुप्ता और अवर अभियंता अमित यादव व शहनवाज अहमद को निलंबित करने का निर्णय ले लिया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, शीघ्र ही शासन स्तर से अधिशासी व सहायक अभियंता को निलंबित करने का आदेश जारी हो जाएगा। वहीं, दोनों अवर अभियंताओं को निलंबित करने के लिए पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को लिखा जा रहा है। इन सभी अभियंताओं के खिलाफ समुचित प्रावधानों के तहत अनुशासनिक जांच भी कराई जाएगी।

बस्ती सड़क घपले में कार्रवाई के लिए भेजा रिमाइंडर

बस्ती के सड़क घपले में कार्रवाई के लिए भेजा रिमाइंडर शासन ने बस्ती में 300 से ज्यादा सड़कों को ”हवा” में बनाने के घपले में तत्कालीन सहायक अभियंता अरविंद कुमार आर्या और विनय कुमार राम की बर्खास्तगी के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को रिमाइंडर भेजा है। सरकार ने इस संबंध में अपनी स्पष्ट संस्तुति के साथ 8 जनवरी को प्रस्ताव भेजा था, मगर इस पर अभी तक आयोग से जवाब नहीं मिला है।



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