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OBC reservation case postponed due to filing of SLP will be heard after vacation

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने से संबंधित 64 याचिकाओं की सुनवाई वेकेशन बाद करने के निर्देश हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस डी डी बसंल की युगलपीठ ने जारी किए हैं। युगलपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण की सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए बुलाये जाने की मांग करते एसएलपी दायर की गयी है। एसएलपी पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई लंबित है।

  

 बता दें, कि प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किये जाने के खिलाफ व पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गयी थी। याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष बैंच के सदस्य जस्टिस वीरेंन्द्र सिंह सेवानिवृत्त हो गये हैं। जिसके कारण जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस डी डी बसंल की युगलपीठ ने 18 अप्रैल को सुनवाई में पाया था कि सर्वोच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने के कानून को चुनौती नहीं दी गयी है। सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिकाएं 2003 में ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर नोटिफिकेशन से संबंधित हैं। युगलपीठ का अभिमत था कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण की आवश्यकता नहीं है।  सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने के कानून की वैधता को चुनौती नहीं दी गयी है। युगलपीठ ने याचिकाओं पर डे-टू-डे सुनवाई के निर्देश दिये थे।

   

याचिका पर गुरूवार को हुई सुनवाई के दौरान ओबीसी, एसटी एससी एकता मंच की तरफ से युगलपीठ को बताया कि ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के साथ हाईकोर्ट में लंबित सभी याचिकाओं की सुनवाई करने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की गयी थी। सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी पर सुनवाई लंबित है। जिसके बाद युगलपीठ ने वेकेशन के बाद सुनवाई के आदेश जारी किए हैं।



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