
भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा
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पूर्व मंत्री दीपक जोशी के भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा का बयान सामने आया है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में संगठन अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित नहीं कर पा रहा है। इसी वजह से नुकसान हो रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने निवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि सचमुच में कहीं ना कहीं संगठन को जिन कामों को प्राथमिकता देना चाहिए, उनकी प्राथमिकताएं निर्धारित नहीं कर पा रहा है। सरकार में बैठे लोगों को भी कार्यकर्ताओं के कामों को जितनी गंभीरता से लेना चाहिए, उतनी गंभीरता से वे नहीं ले रहे हैं। इसका नुकसान हो रहा है।
भाजपा के पांच-पांच प्रभारी, द्रोपदी जैसी हालत
शर्मा ने कहा कि जहां भाजपा में अब हाईकमान जैसा बचा ही नहीं है। पार्टी में कोई हाईकमान है ही नहीं। पहले कुशाभाऊ ठाकरे और प्यारेलाल खंडेलवाल जैसे नेता थे, जो अंतिम निर्णय लेते थे। वे त्वरित विचार करके निर्णय लेते थे। उनके आदेश माने जाते थे और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने का प्रयत्न होता था। शर्मा ने कहा कि मैंने सुना है कि इस प्रदेश में पांच-पांच प्रभारी हैं। पांच-पांच पति की द्रोपदी की जैसी दशा हुई, वैसी पार्टी की दुर्दशा हो रही है। यह पांच प्रभारी भी प्रभावशाली ढंग से संगठन चला रहे हों, ऐसा दिखता नहीं हैं। इसके कारण कहीं ना कहीं संवादहीनता की स्थिति पैदा हो रही है। यह संवादहीनता हमेशा नुकसान पहुंचाती है। यह संवादहीनता का ही परिणाम है। जैसा पार्टी छोड़कर जाने वाले कार्यकर्ताओं की बात है तो वर्तमान में दीपक जोशी का ही एक मामला है। मैंने उनको समझाने का प्रयास किया कि तुम अंधे कुएं में मत कूदो। समय तो बदलता रहता है। आज समय आपको उचित नहीं लग रहा है तो आपकी वरिष्ठता तो कायम रहेगी। लेकिन वह समझने को तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस मरी हुई पार्टी, 15 साल नहीं जीत सकती
शर्मा ने कहा कि देखिए, एक बात बहुत स्पष्ट कहना चाहता हूं कि कांग्रेस मरी हुई पार्टी है। यहां कांग्रेस का कोई संगठन नहीं है। पिछली बार भी कांग्रेस नहीं जीती। मध्य प्रदेश में कांग्रेस 10 से 15 साल नहीं जीत सकती। हम हार जाते हैं। इसका कारण संवादहीनता, संपर्क की कमी, आत्मीयता और परिवार भाव में कमी होना है। यह सब हुआ है और हो रहा है। कार्यकर्ताओं की बातों को गंभीरता से नहीं लेना। सरकार में बैठे लोग भी इसी प्रकार की सोच रख रहे हैं।