
फाइल फोटो
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
कर्नाटक कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात को लेकर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नाराजगी व्यक्त की और मध्यप्रदेश के पीसीसी चीफ कमल नाथ को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। गृह मंत्री मिश्रा ने कमल नाथ को लिखे अपने पत्र में लिखा कि ‘मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस के द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में पीएफआई जैसे राष्ट्र विरोधी संगठन के साथ बजरंग दल जैसे राष्ट्र सेवी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की जो घोषणा की गई है, उसने सभी धर्म प्रेमियों और राष्ट्र भक्तों के मन में गहन वेदना उत्पन्न की है। कमल नाथ जी, मैंने आपके कई वीडियो और चित्र देखे हैं, जिनमें भगवान बजरंगबली के प्रति आपकी भक्ति साधना प्रदर्शित की गई है। बजरंगबली के प्रति आपकी श्रद्धा-भक्ति समय-समय पर कई बार मीडिया के माध्यम से भी देखी और सुनी गई है। ऐसे में कोई भी बजरंग भक्त ऐसा नहीं होगा, जो कर्नाटक में कांग्रेस के द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध की घोषणा से आहत न हुआ हो। आपकी पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह जी भी कर्नाटक घोषणा पत्र के इस बिंदु से सहमत हैं और वह पूर्व में मुख्यमंत्री रहते समय अपने कार्यकाल में बजरंग दल पर लगाए गए प्रतिबंध की बात को दोहरा रहे हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि आप इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया स्पष्ट करें कि आप इस निर्णय के पक्ष में हैं या विपक्ष में। आपका अभिमत करोड़ों अरबों हिंदुओं की आस्था और धर्म के लिए बेहद आवश्यक है।’
नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कमल नाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘या तो आप पाखंड करते हैं हनुमान जी के नाम पर कि आपने हनुमान चालीसा किया है और आप भगवान को कैद करना चाहते हैं प्रतिबंध लगाने चाहते हैं। मिश्रा ने कहा कि आप वही लोग हैं जिन्होंने राम भगवान को राम जन्म भूमि में ताले में रखा था। वही कांग्रेस है,जो हमेशा से सवाल उठाती आई है, राम जन्म भूमि के शिलान्यास की तारीख पर, पूर्व मंत्री जिन्होंने बोको हराम से तुलना की थी। उसी तरह से कर्नाटक का घोषणा पत्र सामने आया है। सोनिया गांधी जी को भी स्पष्ट करना चाहिए, अपनी प्रतिक्रिया देना चाहिए, उनके बेटे और बेटी जब मध्यप्रदेश में आते हैं, तो मंदिर-मंदिर जाते हैं चुनाव के वक्त, कभी जनेऊ डाल लेते हैं। उत्तरप्रदेश में चुनाव आएं तो गंगा जी में डुबकी लगाते हैं, तुष्टीकरण की राजनीति जो कांग्रेस कर रही है इसका जवाब कर्नाटक की जनता तो देगी ही, पर कमल नाथ जी आप मध्यप्रदेश के बारे में स्पष्ट करो, मेरे पत्र के जवाब में, जो करोड़ों हनुमान भक्तों और राष्ट्र भक्तों की आस्था पर कुठाराघात कांग्रेस ने किया है कर्नाटक में..’
बता दें, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले चुनाव से ठीक पहले अपना घोषणा पत्र जारी किया है। जारी होने के बाद से ही कांग्रेस का घोषणा पत्र विवादों में हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में नफरती संगठनों पर कार्रवाई करने की बात लिखी है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की तुलना संघ से जुड़े विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल से करते हुए कहा कि वह ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी, जो दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देते हैं।