मध्य प्रदेश के 13 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल गए, लेकिन देर रात उन्होंने हड़ताल वापस लेने का एलान कर दिया। इससे पहले मप्र हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैधानिक बताते हुए डॉक्टरों को इसे तत्काल खत्म करने व भविष्य में बगैर उसकी इजाजत के आंदोलन नहीं करने का निर्देश दिया था। हालांकि, हड़ताल के कारण समूचे प्रदेश की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। कई शहरों में ऑपरेशन, ओपीडी, आकस्मिक चिकित्सा विभागों में सेवाएं लगभग ठप रहीं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी। सारंगे ने कहा था कि डॉक्टरों की 95 फीसदी मांगों पर पहले ही सहमति बन चुकी है। सरकार को थोड़ा वक्त चाहिए, उन पर अमल के लिए। इसके बाद डॉक्टर नरम पड़ गए।

बेमुद्दत हड़ताल 24 घंटे में वापस

हाईकोर्ट के हड़ताल को अवैध बताने के बाद मध्य प्रदेश शासकीय चिकित्सा महासंघ ने देर रात हड़ताल वापस ले ली। चिकित्सा महासंघ के संयोजक राकेश मालवीय ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हमने हड़ताल को वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे पहले मालवीय ने कहा था कि हमें हाईकोर्ट का आदेश नहीं मिला है। कोर्ट के आदेश की अध्ययन करने के बाद विचार किया जाएगा।

 



13 मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों पर असर

भोपाल के हमीदिया समेत प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों, जिला अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मध्य प्रदेश चिकित्सा महासंघ के तत्वावधान में आयोजित हड़ताल में प्रदेश भर के 10 हजार डॉक्टर, 3300 जूनियर डॉक्टर, 1400 एनएचएम संविदा डॉक्टर और 1050 अनुबंधित डॉक्टर आंदोलन में शामिल हैं। 

 


हमीदिया में ऑपरेशन टले

भोपाल में हमीदिया अस्पताल में हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए 150 सेवानिवृत्त और 150 होम्योपैथ/आयुष डॉक्टरों की तैनाती की गई। आईपीडी नर्सिंग स्टाफ के भरोसे हैं। हालांकि, हड़ताल को देखते हुए 150 से 200 मरीज छुट्टी लेकर घर चले गए हैं। अस्पताल में कई ऑपरेशन टल गए। 

 


सभी मांगें मान रहे, हड़ताल खत्म करें : सारंग

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हम सभी डॉक्टरों से अपील कर रहे हैं कि डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली गई हैं। अनावश्यक तौर से हड़ताल पर नहीं बैठे। डॉक्टरो को मांगों को कागजों पर उतारने के लिए मैं सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर बात कर रहा हूं। उनकी सभी मांगों को सरकार मान रही है। डॉक्टर हमारे भाई हैं उनको मरीजों के इलाज के लिए हड़ताल खत्म करना चाहिए। हमने मरीजों के इलाज के लिए सभी जगह वैकल्पिक व्यवस्था की है। सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर, बॉण्डेड डॉक्टर संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया हुआ है। मंगलवार रात से ही कंट्रोल रूम बनाकर अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी अस्पतालों की व्यस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।

हड़ताल जारी, सहमति से पीछे हट रही सरकार

इधर, चिकित्सा महासंघ के संयोजक राकेश मालवीय ने कहा कि हमें अभी तक हाईकोर्ट का कोई आदेश नहीं मिला है। जब हमारे पास आदेश आएगा, उसको पढ़ कर विचार किया जाएगा। हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल अभी जारी है। मालवीय ने कहा कि हमारी सरकार से कई बैठकें हुईं। इसमें हमने ओरिजनल डीएसीपी से लेकर विभागों के प्रमुख पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियों की मांगों पर समझौता कर लिया था, लेकिन जिन मुद्दों पर सहमति बनी उसे भी सरकार कम करने को कह रही है।


चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग देररात हड़ताल के बाद अस्पताल में की गई व्यवस्था का निरीक्षण करने हमीदिया अस्पताल पहुंचे। इससे पहले सारंग ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों को काम पर वापस लौटना चाहिए। कोर्ट का आदेश दोपहर में आया गया। मंत्री ने डॉक्टरों से जल्द काम पर लौटने की अपील की। 




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