MP News: 18% GST stuck animal ambulance service, one ambulance has to run in every blockMP News: 18% GST stuck

पशु एंबुलेंस
– फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में गाय एवं अन्य पशुओं के इलाज के लिए चलने वाली एंबुलेंस अटक गई है। इसका कारण एंबुलेंस के लिए आउटसोर्स ऑफ मेनपॉवर के वेतन पर 18% जीएसटी लगने को लेकर असमंजस हैं। इस संबंध में अब पशुपालन एवं डेयरी संचालनालय ने वाणिज्यकर विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। जिसके जवाब का इंतजार किया जा रहा है। बता दें एंबुलेंस का संचालन 1 अप्रैल 2023 से शुरू होना था।  

 

केंद्र सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार ने 406 एंबुलेंस खरीदी हैं। इन एंबुलेंस के संचालन की पूरी तैयारी हो गई है। पशुपालन विभाग प्रदेश में खुद एंबुलेंस का संचालन करेंगा। एंबुलेंस के लिए डॉक्टर, पैरावेट और डॉइवर कम सहायक आउटसोर्स किए जा रहे हैं। एंबुलेंस के संचालन का काम शुरू करने से पहले स्टाफ के वेतन पर 18 प्रतिशत जीएसटी का मामला फंस गया। अनुमान के अनुसार एक साल में आठ करोड़ रुपए जीएसटी बन रहा है। अब अधिकारियों के सामने असमंजस की स्थिति है कि प्रदेश में अपनाए जा रहे मॉडल पर जीएसटी लगेगा या नहीं? इसको लेकर विभाग की तरह से इंदौर स्थिति वाणिज्यकर विभाग के मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया है। विभाग एक महीने से जवाब का ही इंतजार कर रहा है। इसी के चलते पशुओं की एंबुलेंस सेवा शुरू नहीं हो पा रही है।

 

जीपीएस से मॉनीटिरंग

एंबुलेंस का संचालन की मॉनीटरिंग जीपीएस के माध्यम से की जाएगी। सभी 406 एंबुलेंस में जीपीएस की मैपिंग की गई है। इससे एंबुलेंस की लोकेशन पर कॉल सेंटर के माध्यम से ही नजर रखी जा सकेंगी।

 

77 करोड़ प्रति वर्ष संचालन का खर्च

एंबुलेंसों के संचालन पर प्रतिवर्ष 77 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान हैं। इसमें स्टॉफ का वेतन, दवा, एंबुलेंस का ईधन शामिल है। जानकारी के अनुसार एंबुलेंस के डॉक्टर को 56100 रु., पैरावेट को 20,000 रु. और डाइवर कम सहायक को 18 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा।

 

हमारी तैयारी पूरी है

मध्य प्रदेश पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है। जीएसटी को लेकर वाणिज्यकर विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। वहां से स्थिति स्पष्ट होने के बाद एंबुलेंस का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

यह हो गया तैयार

विभाग की तरफ से एंबुलेंस के संचालन के लिए कॉल सेंटर तैयार स्थिति में हैं। कॉल सेंटर में वेटनरी डॉक्टर और एक्जिक्युटिव को नियुक्त किया गया है। ग्रामीण 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर एंबुलेंस बुला पशु का इलाज करा सकेंगे।

 



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