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Goddadev temple declared a state protected monument, built during the reign of Rashtrakuta king Krishna III

गोदड़देव मंदिर राज्य संरक्षित स्मारक घोषित,
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने छिंदवाड़ा जिले के चौरई स्थित प्राचीन गोदड़देव मंदिर को मप्र प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1964 के तहत राज्य संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया है। प्राचीन मंदिर का स्वामित्व राज्य सरकार के पास है, यहां धार्मिक पूजा होती है। राज्य संरक्षित स्मारक घोषित होने के बाद अब इस मंदिर के सौ मीटर व्यास में कोई भी निर्माण कार्य और खनन कार्य नहीं हो सकेगा। मंदिर से सौ मीटर के बाहर दो सौ मीटर के व्यास में निर्माण एवं खनन रेगुलेटेड रहेगा, यानि अनुमति लेकर निर्माण एवं खनन किया जा सकेगा।

कमल नाथ के शासन काल में आया था प्रस्ताव 

मंदिर को संरक्षित घोषित करने को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के समय भी प्रस्ताव आया था, लेकिन 15 माह ही सरकार चल सकी, इसलिए यह निर्णय नहीं हो सका। अब वर्तमान सरकार ने इस मंदिर को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर विकासखंड चौरई के ग्राम नीलकंठी कला में तिफना नदी के किनारे नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर (गोदड़देव मंदिर) स्थित है। नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर परिक्षेत्र में स्थित एक स्तंभ शिलालेख में राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय का उल्लेख है। अर्थात राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय के शासनकाल सन् 939 ईसवी से सन् 967 ईस्वी के मध्य नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया गया।



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