
Prayagraj News : बमबाज गुड्डू मुस्लिम।
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उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने 13 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था। वह बचपन से ही अपराध करने लगा था। यही वजह है कि जब घरवालों ने उसे टोकना शुरू किया तो उसने घर छोड़ दिया। इसके बाद वह फिर कभी नहीं लौटा। यहां तक कि मां-बाप की मौत पर उनके जनाजे को कंधा देने भी नहीं आया।
यह बातें गुड्डू की बड़ी बहन नसरीन ने बताईं, जो शिवकुटी के लाला की सराय में रहती हैं। नसरीन ने बताया कि उसका पैतृक घर सुल्तानपुर के गोसाईगंज स्थित इकटौली गांव में है। मां शाजिदा बेगम जबकि पिता का नाम शफीक था। वह बताती हैं कि गुड्डू पांच भाई बहनों में सबसे छोटा था। 1975 में वह पैदा हुआ था। गुड्डू के अलावा दो भाई और थे जिनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि, दूसरा असलम सऊदी अरब में रहता है। उसके अलावा एक बहन भी है जिसका नाम परवीन है।
नसरीन ने बताया कि पिता राजगीर का काम करते थे लेकिन बीमारी की वजह से काम धंधा ठीक नहीं चलता था। गुड्डू बचपन से ही बिगड़ैल था। उसकी संगत सही नहीं थी। रोकने-टोकने पर लड़ने लगता था। मारपीट, लड़ाई-झगड़े में अक्सर उसका नाम आता था। एक बार चोरी में भी नाम आया। परिवारवालों का रोकना-टोकना उसे अच्छा नहीं लगता था और 13 साल की उम्र में उसने घर छोड़ दिया। नसरीन का दावा है कि इसके बाद गुड्डू ने घरवालाें से कभी कोई संपर्क नहींं किया। यहां तक कि मां-बाप के इंतकाल पर उन्हें मिट्टी देने भी नहीं आया।