
शहर में बंदरों के झुंड
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निकाय चुनाव की तिथि तय होने के बाद तमाम राजनीतिक दलों के लोग मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। लोग ऐसा नगर पालिकाध्यक्ष व पालिका बोर्ड चाहते हैं, जोकि शहर में बंदरों के आतंक से उन्हें मुक्ति दिलाए।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार शहर में करीब आठ हजार बंदर हैं। बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। बंदर आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों को जख्मी भी कर रहे हैं। उछल कूदकर बिजली सिस्टम को प्रभावित करते हैं। नगर पालिका ने बंदरोंं से निजात दिलाने की योजना तैयार की थी, लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी बंदरों की धर-पकड़ नहीं हो सकी।
बंदरों को पकड़ने के लिए आगरा के प्रभागीय वनाधिकारी से भी संपर्क किया गया। वहां के अधिकारियों ने यह कह दिया कि यहां बंदर पहले से अधिक हैं। ऐसे में बंदरों को पकड़ने का अभियान नहीं चल सका। लोगों का कहना है कि इस बार वह ऐसे प्रत्याशी को पालिकाध्यक्ष चुनेंगे, जो उन्हें इस समस्या से मुक्ति दिला सके।
बंदरों के आतंक से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बंदर आए-दिन आर्थिक नुकसान करते हैं। इस बार ऐसा पालिकाध्यक्ष चुनेंगे, जो यहां बंदरों की धर-पकड़ कराके उन्हेंं शहर से बाहर भिजवाए। -चंद्रशेखर, शहरवासी
बंदरों अब गर्मी में में खूंखार हो रहे हैं। लोगों पर झपट्टा मार रहे हैं। बंदरों के हमले में अब तक कई लोग चोटिल हुए हैं। इस बार ऐसा पालिकाध्यक्ष चुनेंगे, जोकि बंदरों की समस्या से हमें मुक्ति दिलाएगा। -राजू शर्मा, शहरवासी