
वल्लभ भवन- भोपाल
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प्रदेश के कई शहरों की सड़कें पिछली बार हल्की बारिश में ही गड्ढों में तब्दील हो गई थी। राजधानी की सड़कों की हालत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बैठक बुलाना पड़ी थी। इससे सबक लेते हुए इस बार लोक निर्माण विभाग ने सड़कों को गड्ढा मुक्त रखने के लिए बारिश में अभियान के रूप में कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके तहत बारिश के पहले ‘प्रिवेंटिव मेंटेनेंस’ (पूर्व रखरखाव) कर सड़कों में गड्ढे होने ही नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी कारण से गड्ढे हो गए तो प्रारंभिक अवस्था में ही इनकी पहचान कर बारिश में ही मेंटेनेंस की कार्यवाही की जाएगी। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने आदेश जारी किए है।
सड़कों के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदार होंगे अधिकारी
लोक निर्माण विभाग की गुणवत्ता नियंत्रण सेल ने बारिश में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। इसके तहत मैदानी अमले के मध्य सड़कों का युक्तियुक्त विभाजन किया जाएगा। संभाग स्तर पर विभाग की सभी सड़कें उपयंत्री, एसडीओ एवं कार्यपालन यंत्री के बीच युक्तियुक्त रूप से बांटी जाएगी। जिनकी निगरानी के लिए संबंधित सड़क के लिए अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इसी प्रकार सड़क विकास निगम की सड़कों की भी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
प्रिवेंटिव मेंटेनेंस किया जाएगा
सभी इंजीनियर अपनी सड़कों का निरीक्षण कर सड़कों के कमजोर भाग, क्रेक्स, लेवलिंग आदि की जानकारी एकत्रित करेंगे। सड़कों के निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्रिवेंटिव मेंटेनेंस के लिए संबंधित ठेकेदार को कार्यपालन यंत्री तथा अधीक्षण यंत्री द्वारा रिपोर्ट भेजी जाएगी और प्रिवेंटिव मेंटनेंस के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसके बावजूद सड़कों में गड्ढे होने पर पेनल्टी का प्रावधान होगा।
वरिष्ठ अधिकारी सड़कों का औचक निरीक्षण करेंगे
सभी उपयंत्री, एसडीओ, कार्यपालन यंत्री एवं सड़क विकास निगम के यंत्री बारिश में अपनी-अपनी सड़कों का सप्ताह में औचक निरीक्षण करेंगे। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय को भेजेंगे। मेंटेनेंस वाली सड़कों के लिए संबंधित चयनित ठेकेदार को निर्देशित किया जाएगा। परिक्षेत्र स्तर पर संभागों का विभाजन किया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी भी सड़कों का निरीक्षण करेंगे।
कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे
बारिश में सड़कों की सतत निगरानी और त्वरित कार्यवाही के लिए परिक्षेत्र स्तर पर मुख्य अभियंता कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। यहां कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्री स्तर के एक अधिकारी पूर्णकालिक रूप से आवश्यक अमले के साथ नियुक्त रहेंगे। बारिश में सड़कों को होने वाले नुकसान की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी। जहां से संबंधित ठेकेदार को सुधार के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे।
वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ेंगे अधिकारी और ठेकेदार
संभाग/परिक्षेत्र स्तर पर अधिकारिक रूप से वॉट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे। जिनमें ठेकेदारों के प्रतिनिधि और मुख्य अभियंता समेत सभी अधीनस्थ विभागीय अधिकारी जुड़ेंगे। वॉट्सएप पर अधिकारी क्षतिग्रस्त सड़क की जियोटैग्ड फोटो के साथ सूचना शेयर करेंगे। कंट्रोल रूम में प्राप्त होने वाली सूचनाओं को भी संबंधित क्षेत्र के ग्रुप में शेयर किया जाएगा। कंट्रोल रूम का कांटेक्ट नंबर जन प्रतिनिधियों एवं आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगा।
समय-सीमा में सुधार नहीं करने पर पेनल्टी
लोक निर्माण और सड़क विकास निगम की सड़कों की क्षतिसुधार को समयसीमा में नहीं करने पर संबंधित ठेकेदार पर पेनल्टी लगाई जाएगी। इनको ब्लैकलिस्ट करने की भी कार्रवाई की जाएगी। इसकी सप्ताहिक रिपोर्ट की मॉनीटरिंग वरिष्ठ कार्यालय करेगा। वहीं, बाढ़, अतिवृष्टि, बड़े स्तर पर जलभराव, पुल और पुलिया के क्षतिग्रस्त होने की स्थितियों पर पर त्वरित संज्ञान लेने के लिए भी राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।