
(सांकेतिक तस्वीर)
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जबलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र से एक नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाकर उसे बंधक बनाकर तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आधा दर्जन आरोपियों को पॉक्सो की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। उन्हें आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने आरोपियों पर दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाते हुए पीड़िता को दो लाख रुपये प्रतिकर की राशि प्रदान करने के निर्देश शासन को दिए हैं।
अभियोजन की तरफ से बताया गया कि नाबालिग पीड़िता 29 मई 2015 को अपनी बहन के साथ स्टेट बैंक शाखा परिजात बिल्डिंग चेरीताल स्थित शाखा गई थी। पीड़िता लगभग 12.00 तक नीचे आने की बात कहकर गई थी, लेकिन शाम 5.00 बजे तक नहीं लौटी। बड़ी बहन ने आसपास तलाशा और फिर घर चली गई। उसके माता-पिता अस्पताल में भर्ती थे। बड़ी बहन ने छोटी बहन के लापता होने की बात अपनी दादी व मौसी की बताई। इसके बाद उन्होंने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया तो उसने अपने बयान में बताया कि आरोपी अशोक पटेल बहला-फुसलाकर अपने साथ काली मंदिर ले गया था। मंदिर से उसे अकेले मदन महल स्टेशन जाने के लिए कहा था। मदन महल में आरोपी सनी चौधरी उसे अपने साथ गढ़ा मोहल्ला स्थित टाइगर उर्फ कैलाश की झोपड़ी में ले गया। आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद फोन करके अपने मित्र अजय चौधरी उर्फ अज्जू, सावन रैदास, प्रमोद अहिरवार, शिवम, शिवा, अरविंद पटेल को बुला लिया। सभी ने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। सभी आरोपियों एक राय होकर तीन दिन तक पीड़िता को झोपड़ी में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अदालत के समक्ष चालान पेश किया। सुनवाई दौरान पेश किए गअ गवाह व साक्ष्यों को आधार पर न्यायालय ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में दो आरोपी नाबालिग थे तथा एक आरोपी को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पक्ष रखा।