Instead of 27.43 lakhs 49.85 lakhs spent in MANREGA

घोटाला (सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला

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विकास खंड हाथरस में मनरेगा के तहत प्रशासनिक मद से खर्चा करने में वित्तीय अनियमितता सामने आई है। शासनादेश को दरकिनार करते हुए इस ब्लॉक में मनमाने तरीके से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 27.43 लाख की जगह 49.85 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। मनमानी के सामने आने के बाद भी उच्चाधिकारियों ने आंखें मूंद रखी हैं। इस धनराशि को मानदेय भुगतान सहित सुख-सुविधाओं जैसे ईंधन, वाहन किराया सहित अन्य कार्यों पर खर्च किया गया है।

 शासन की ओर से मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को अपने ही गांव में रोजगार मुहैया कराया जाता है। इसके लिए शासन की ओर से श्रम, सामग्री व प्रशासनिक मद में खर्च के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं। शासन के निर्देश के क्रम में 60 प्रतिशत धनराशि श्रम, 40 प्रतिशत सामग्री मद में खर्च की जाती है। सामग्री व श्रम पर कुल खर्च के सापेक्ष धनराशि का 4.5 फीसदी धनराशि को ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक मद में खर्च करने के निर्देश हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां ब्लॉक हाथरस में बीडीओ व लेखाकार की ओर से शासन के आदेशों को ताक पर रख प्रशासनिक मद में धनराशि को खर्च कर वित्तीय अनियमितता की गई है। 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा के तहत ब्लॉक हाथरस में 609.68 लाख रुपये की धनराशि श्रम व सामग्री पर खर्च की गई है। इसके सापेक्ष 49.85 लाख रुपये की धनराशि प्रशासनिक मद में खर्च की गई है, जबकि ब्लॉक स्तर पर शासन की ओर से कुल खर्च धनराशि का 4.5 फीसदी धनराशि खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कुल खर्च धनराशि के 4.5 फीसदी के हिसाब से ब्लॉक को 27.43 लाख रुपये प्रशासनिक मद में खर्च किए जाने थे, लेकिन यहां ब्लॉक स्तर से इस मद को खर्च करने में शासन के आदेश को ताक पर रखकर 49.85 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। 

प्रशासनिक मद में अतिरिक्त धनराशि खर्च किए जाने के मामले में बीडीओ को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। स्पष्टीकरण के आधार पर कार्रवाई होगी।  -राजेश कुरील, परियोजना निदेशक डीआरडीए



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