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IT raid on places of galant group

– फोटो : amar ujala

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आयकर की टीमों ने पूर्वांचल के बड़े समूह गैलेंट ग्रुप की कई फैक्ट्रियों और शहर के एक बड़े बिल्डर के यहां बुधवार को एक साथ कई स्थानों पर छापे मारे। बताया जा रहा है यूपी, पश्चिम बंगाल और गुजरात में लगभग कि 32 ठिकानों पर छापों की कार्रवाई की गई है। दरअसल इस ग्रुप पर टैक्स चोरी की जांच चल रही है।

बताया गया है कि इस ग्रुप पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोप की जांच चल रही है। आयकर टीम ने लखनऊ के महानगर स्थित शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट के फ्लैट, सिकंदरबाग समेत चार ठिकानों को खंगाला जा रहा है। साथ ही महानगर में ग्रुप के पार्टनर शोभित अग्रवाल के यहां छापे की बात सामने आ रही है। समूह पर कोलकाता में भी पांच जगहों पर छापे की कार्रवाई की गई। उधर गुजरात की आयकर टीम के साथ बनारस की टीम भी छापे में कार्रवाई में शामिल है। दो टीमें दिल्ली और बंगाल की भी बताई जा रही हैं। बुधवार की सुबह करीब 9 बजे से शुरू हुई कार्रवाई शाम तक चल रही थी।

आयकर की टीम ने गोरखपुर में गैलेंट समूह के बैंक रोड स्थित कार्यालय, गीडा स्थित फैक्टरी और बरगदवां इलाके में निदेशक के आवास पर एक साथ कार्रवाई शुरू की। गैलेंट ग्रुप, गोरखपुर और गुजरात के कच्छ में स्थित उत्पादन इकाइयों के माध्यम से प्रतिवर्ष एक मिलियन टन से अधिक सरिया का उत्पादन करता है। वहीं, शोभित मोहन दास गोरखपुर में अपार्टमेंट कल्चर लाने वाले पहले बिल्डर हैं। माना जा रहा है कि दोनों की संपत्तियों की जांच के लिए आयकर ने कार्रवाई शुरू की है। 

गैलेंट ग्रुप और बिल्डर शोभित मोहन दास साझेदारी में काम भी कर रहे हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से खोराबार में शुरू की गई टाउनशिप एवं मेडिसिटी को विकसित करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से दोनों को मिली है। आयकर सूत्रों ने बताया कि टीमें बुधवार की सुबह एक साथ गैलेंट ग्रुप और शोभित अग्रवाल के यहां करीब 35 गाड़ियों से गोरखपुर पहुंची हैं। इस संबंध में गैलेंट ग्रुप के प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल चंदू, एमडी मयंक अग्रवाल और बिल्डर शोभित मोहन दास फिलहाल कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं।

पिछले महीने सेंट्रल जीएसटी की टीम भी कर चुकी है कार्रवाई

गैलेंट सरिया के गीडा स्थित फैक्टरी पर पिछले महीने ही सेंट्रल जीएसटी की इंफोर्समेंट टीम ने भी कार्रवाई की थी। जीएसटी विभाग के सूत्रों ने बताया कि करीब 18 घंटे तक चली कार्रवाई में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थीं। जांच के बाद टीम दिल्ली लौट गई थी। बताया जा रहा कि टीम जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।

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