MP News: Stir in forest department after two deaths, letter written to central government to remove cheetahs f

चीता
– फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश वन विभाग ने चीतों की बढ़ती संख्या के चलते कुछ को दूसरी जगह शिफ्ट करने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इसमे एक्शन प्लान के मुताबिक चीतों की संख्या से अधिक को दूसरी जगह शिफ्ट करने का अनुरोध किया गया है। कूनो नेशनल पार्क में दूसरे चीतें की मौत के बाद चीतों को हटाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

 

मध्य प्रदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जसबीर सिंह चौहान ने कहा कि हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कुछ चीतों को दूसरी  उपयुक्त जगह पर शिफ्ट करने को पत्र लिखा हैं। उन्होंने बताया कि कूनो में एक्शन प्लान के अनुसार 20 से 25 चीते रह सकते है। कूनो में दो चीतों की मौत के बाद 22 चीते हैं। यदि कोई दूसरी मादा चीते बच्चे देती है तो इनकी संख्या बढ़ेगी। इसको ध्यान में रखते हुए हमने केंद्र को पत्र लिखकर निवेदन किया है। कितने चीतों को शिफ्ट किया जाना होगा यह केंद्र की टीम तय करेंगी।

 

यह है वन विभाग की चिंता का कारण 

एक अधिकारी ने बताया कि कूनो में चीतों की संख्या बढ़ रही हैं। पहले नामीबिया से 8 चीतों को कूनो में छोड़ा गया। इसके बाद साउथ अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया। एक माह पहले मादा चीता ने चार बच्चों को जन्म दिया है। अभी तीन चीते बाढ़े से बाहर है। बाकी सभी अंदर है। अभी चीतों के लिए रखने और खाने के लिए पर्याप्त सुविधा है, लेकिन बढ़ती संख्या में समस्या बढ़ेगी।  

इसलिए चुना था कूनो नेशनल पार्क

कूनो नेशनल पार्क को करीब एक दशक पहले गिर के एशियाई शेरों को लाने के लिए तैयार किया गया था। हालांकि, गिर से इन शेरों को कूनो नहीं लाया जा सका। स्थानांतरण की सारी तैयारियां यहां हुई थीं। शेर के शिकार के लिए संभल, चीतल जैसे जानवरों को भी कूनों में स्थानांतरित किया गया था। शेर के लिए की गई तैयारी अब चीतों के स्थानांतरण के वक्त काम आएंगी। कूनो के अलावा सरकार ने मध्य प्रदेश के ही नौरादेही वन्य अभयारण्य, राजस्थान में भैसरोडगढ़ वन्यजीव परिसर और शाहगढ़ में भी वैज्ञानिक आकलन कराया था। आकलन के बाद कूनो को चीतों के स्थानांतरण के लिए चुना गया। 

कूनो में दो चीतों की मौत 

बता दें मार्च में चीता साशा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। विशेषज्ञों ने किडनी में इंफेक्शन से मौत होने का कारण बताया था। वहीं, 23 जनवरी सुबह अचानक चीता उदय की अचानक स्वास्थ्य खराब हुआ। उसकी शाम चार बजे मौत हो गई। अभी चीता उदय की मौत को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। 

 



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