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Many quintals of wheat kept at the railway station got wet in the rain, the negligence of the contractor expos

बारिश से भीगा गेहूं
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

दमोह में रविवार को हुई बारिश में स्टेशन पर रखा सैंकड़ो बोरा गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया। गेंहू की बोरियां पानी से गीली हो गई, जिससे शासन का अनाज अब खराब होने की स्थिति में पहुंच गया है। एफसीआई और अनाज परिवहन से जुड़े ठेकेदार की लापरवाही सामने आने के बाद  इस नुकसान को छिपाने के लिए आनन फानन में रैक को भरना शुरू कर दिया गया है, लेकिन भीगा हुआ गेहूं अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने तक यह खराब हो जाएगा। जिसका नुकसान सरकार का होगा और लापरवाही पर भी पर्दा डाल दिया जाएगा।

बारिश के बाद भी नहीं दिया ध्यान

दरअसल एफसीआई द्वारा खरीदे गेहूं का परिवहन प्रदेश के बाहर किया जाना है। इसके चलते इन बोरियों को रेल्वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पहुंचाकर रेल्वे से रैक मिलने का इंतजार किया जाने लगा। ऐसे में बेमौसम बारिश के दौरान भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। रविवार को हुई  बारिश में खुले में पड़ी यह बोरियां भी पानी से गीली हो गई। मौके पर कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं था, जो इस परिवहन व्यवस्था के बारे में जानकारी दे या लापरवाही को रोक सके।

बताया जा रहा है कि परिवहन का यह ठेका विदिशा के ठेकेदार राकेश जैन के पास है और उन्हें ही इन अनाज की बोरियों को पानी से बचाने के इंतजाम करने थे, लेकिन बारिश के दौरान ठेकेदार और उसके प्रतिनिधि ना सिर्फ मौके से गायब थे, बल्कि जानकारी के बाद भी उनके द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं दूसरी ओर इस एफसीआई को भी इस प्रक्रिया पर नजर रखते हुए अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी लेकिन एफसीआई के अधिकारी भी इस ओर उदासीन बने रहे जिसके चलते यह हालात सामने आए।

शासकीय अनाज के परिवहन कार्य से जुड़े विभाग और ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर नजर डालें तो अभी भी परिवहन के हालात काफी धीमे हैं। बताया जा रहा है कि अनाज की यह बोरियां प्लेटफॉर्म पर एक दिन पूर्व आ चुकी थी और ठेकेदार को 16 घंटे की अवधि दी गई थी जो रविवार सुबह 10 बजे खत्म हो गई थी। इस दौरान रेल्वे भी ठेकेदार को समय पर रैक उपलब्ध नहीं करा सका, जिसके चलते कार्य वहीं रुक गया और बारिश होने से रही सही कसर भी पूरी हो गई। वहीं, अनाज खराब होने के बाद महकमा हरकत में आया और शाम करीब छह बजे रेल्वे ने रैक उपलब्ध कराया और इस दौरान एफसीआई की टीम भी वहां हालातों को देखने पहुंची। फिलहाल बोरियों को रैक में भरा जाने लगा है लेकिन कार्य की धीमी गति देख जानकार बताते है कि तय समय पर ठेकेदार द्वारा यह कार्य पूर्ण किया जाना अभी भी संभव नहीं है।

स्टेशन मास्टर, दमोह जेएस मीणा का कहना है कि बोरियों को सुरक्षित रखना ठेकेदार की जिम्मेमेदारी है, हमारे द्वारा उसे शाम छह बजे रैक उपलब्ध करा दिया गया है अब उन्हें निर्धारित समय में अपना कार्य करना होगा। वहीं, इस मामले पर दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि 

गोदाम से निकलने के बाद अनाज की जिम्मेदारी एफसीआई की होती है। मैं संबंधितों से समन्वय कर इस मामले में उचित कार्रवाई का प्रयास करुंगा।



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