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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में चिकित्सकीय जांच में डॉक्टरों द्वारा स्पष्ट राय व्यक्त न किए जाने से अभियुक्तों के न्याय निर्णयन में देरी को गंभीरता से लिया है और महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई नौ मई को होगी।

 

यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने शादाब की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। सहारनपुर के नकुर थाने में याची के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने कहा चिकित्सीय जांच में स्पष्ट राय नहीं होती और एफएसएल रिपोर्ट आने में काफी देरी होती है। जिसके कारण न्याय में देरी होती है। इसलिए दुष्कर्म के आरोप पर मेडिकल जांच में स्पष्ट राय होनी चाहिए।



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