उज्जैन में शनिवार तड़के करीब तीन बजे रेलवे स्टेशन के सामने स्थित एक होटल की पांचवी मंजिल पर आग लग गई। इस घटना में कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन आग इतनी भीषण हो चुकी थी कि इसे बुझाने में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को पसीने छूट गे। उस समय होटल में 35 से अधिक मेहमान थे। उन्होंने पास की यादव धर्मशाला की छत पर कूदकर जान बचाई। 

होटल के स्टाफ के साथ ही देवासगेट थाना पुलिस को आग बुझाने और मेहमानों को निकालने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। तड़के लगी इस आग से अफरा-तफरी मच गई। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर आग पर कैसे काबू पाया जाए। फायर ब्रिगेड को भी डेढ़ से दो घंटे लग गए आग पर काबू पाने में। देवासगेट के थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य ने बताया कि देवास गेट इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां रेलवे स्टेशन के सामने बनी होटल चंद्रगुप्त की पांचवीं मंजिल पर तड़के तीन बजे अचानक आग लग गई। जिस वक्त आग लगी उस वक्त होटल में करीब 35 से अधिक लोग इसमें मौजूद थे। इनमें महिला, बच्चे, बुजुर्ग और युवा शामिल थे। पांचवीं मंजिल पर आग लगने से सभी होटल में ही फंस गए। होटल चंद्रगुप्त में 30 कमरे हैं। सभी को पुलिस ने चेक किया और वहां आए मेहमानों का रेस्क्यू किया। आसपास के लोगों और होटलकर्मियों ने भी मेहमानों को पड़ोस की यादव धर्मशाला की छत से कूदकर सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की। पुलिस आग लगने के कारणों की जाचं कर रही है। होटल कर्मचारी अग्निशमन यंत्र होने की बात कह रहे हैं, लेकिन वह समय पर काम नहीं आए, इस बात की भी जांच की जा रही है।

 

 



होटल में फंसे लोगों ने कहा- हमें बाबा महाकाल ने बचा लिया 

होटल में अधिकांश लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने लखनऊ, ग्वालियर व अन्य जगहों से उज्जैन आए थे। कई यात्री दर्शन कर लौटने वाले थे, तो कई लोग रात में ही उज्जैन पहुंचे थे। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि तड़के लगी आग की जानकारी कुछ देर तक लगी ही नहीं। बार-बार लाइट आ-जा रही थी। इससे हम परेशान हो रहे थे। तभी कुछ लोगों के चीखने की आवाज आई। हमने जैसे ही देखा कि होटल में आग लग गई हैं तो हम घबरा गए। हम जैसे-तैसे होटल के बाहर आए। होटल के सारे कमरों में धुआं भर गया था। अंदर सांस लेना भी मुश्किल था। श्रद्धालुओं ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से सभी सुरक्षित हैं। 




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