
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त
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अक्षय तृतीया पर शनिवार को हर साल की तरह इस साल भी विवाहों की धूम रहेगी। इस मौके पर बिन मुहूर्त विवाह भी होंगे, लेकिन कुछ लोग परंपरा की आड़ में बाल विवाह भी करने का प्रयास करते हैं। बाल विवाह का एक मामला राजगढ़ जिले में हुआ। इस कारण बाल विवाह की सूचना नहीं देने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त कर दी गई।
राजगढ़ जिले के खुजनेर क्षेत्र के खेड़ी गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा वैष्णव के लापरवाह रवैये के चलते उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। जानकारी होने के बाद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने प्रशासन को बाल विवाह की सूचना नहीं दी। इसके बाद गुरुवार को जिला परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा वैष्णव की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
खेड़ी गांव में हुआ बाल विवाह
खुजनेर थाना क्षेत्र के खेड़ी गांव में एक पिता द्वारा अपने पुत्र का शासन द्वारा निर्धारित आयु से कम आयु में विवाह संपन्न कराया और मौके से फरार भी हो गए। इस पर संबंधित पिता के विरुद्ध चाइल्ड लाइन सदस्य की शिकायत पर खुजनेर थाने में प्रकरण भी दर्ज किया गया था। मामले की विभाग द्वारा जांच की गई थी। इसके बाद जिला परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर कार्रवाई की।
बाल विवाह हुए तो आयोजन समिति जिम्मेदार : कलेक्टर
कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने बताया कि जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजन की संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेना अनिवार्य है। विवाह सम्मेलनों में कोई भी बाल-विवाह न हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित आयोजक समिति की होगी। विवाह सम्मेलनों में वर-वधू की जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज आधार कार्ड या अंक सूची भी लिए जाएं। साथ ही सामूहिक विवाह सम्मेलनों में तहसीलदार, सी.डी.पी.ओ. महिला एवं बाल विकास, थाना प्रभारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। साथ ही बाल-विवाह करने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बाल-विवाह कि सूचना आशा-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रशासन को नहीं दी जाती है तो संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त की जाएगी।