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Sudan Conflict: Bhopal businessman trapped in flat in Sudan war, firing outside, running out of drinking water

जयंत के माता-पिता और दादा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

उत्तर अफ्रीकी देश सूडान में छिड़े गृहयुद्ध में तीन हजार से अधिक भारतवंशी फंसे हैं। इन्हें निकालने के लिए भारत सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। दूतावास भी ऐसे इलाके में है, जहां लड़ाई चल रही है। भोपाल के बैरागढ़ के कारोबारी जयंत केवलानी भी इन भारतीयों में शामिल हैं। जयंत ने बुधवार को परिवार को बताया कि वह फ्लैट में फंसे हैं। बाहर बमबारी हो रही है। उनके साथ दो लोग और है। घर में पीने का पानी तक खत्म हो रहा है। तीन लोगों के लिए सिर्फ 60 लीटर पानी बना है। खाने-पीने का सामान भी खत्म हो रहा है। परिवार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।  

सूडान में छिड़े गृहयुद्ध की वजह से भारतीय दूतावास के कर्मचारी भी घर से काम कर रहे हैं। वहां करीब तीन हजार भारतीय रहते हैं। भोपाल के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में रहने वाले 23 वर्षीय जयंत कारोबारी हैं। दाल-चने का एक्सपोर्ट करते हैं। चार मार्च को ही जयंत सूडान गए थे। 20 अप्रैल को घर लौटना था। इस बीच सूडान में लड़ाई शुरू हो गई और वह घर में फंस गए। जयंत सूडान की राजधानी खार्तूम में फंसे हैं। बुधवार को उन्होंने परिवार से फोन पर बातचीत की। लेकिन यह नहीं बताया कि वह युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं। जयंत के चाचा सपन केवलानी ने बताया कि परिवार को जब खार्तूम में चल रही लड़ाई का पता चला तो वीडियो कॉल कर हालात जाने। तब पता चला कि लड़ाई के बीच ही वह भी फंसा हुआ है। बाहर बमबारी और गोलीबारी हो रही है। खाने-पीने का सामान भी खत्म होने लगा है। मिलिट्री बेस के पास ही उनका फ्लैट होने से हालात खराब है। उनके साथ फिलहाल बिहार और कर्नाटक से गए दो कारोबारी भी हैं। उन तीनों के पास सिर्फ 60 लीटर पीने का पानी बचा है।  

माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल

जयंत के पिता नरेंद्र केवलानी और मां तमन्ना केवलानी का बुरा हाल है। जयंत के चाचा सपन केवलानी ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मदद की गुहार लगाई है। अभी तक हमें सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है। सपन केवलानी ने बताया कि हम सिर्फ इतना चाहते है कि सरकार जयंत और उसके साथ फंसे सभी लोगों को सूडान से सुरक्षित और सकुशल निकालकर भारत वापस लाए। इस मामले में परिवार ने सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है। जयंत की बहन वंशिका केवालनी ने पीएमओ, सीएमओ एमपी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को ट्वीट कर लिखा है कि क्या सरकार सो रही है? इतने कठिन समय में भी सरकार कुछ कर क्यों नहीं रही? शनिवार को सूडान में युद्ध शुरू हुआ। उसमें मेरे भाई समेत सैकड़ो लोग फंसे है। उनकी जान खतरे में हैं। 

भारत सरकार कर सकती है एयर-लिफ्ट

केंद्र सरकार सूडान के हालात पर नजर रख रही है। दूतावास लड़ाई वाले इलाके में है। दूतावास के अधिकारी-कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। बिजली और संपर्क के साधन कम बचे हैं। भारतीयों के लिए एयर-लिफ्ट करने के विकल्प तलाश रहे हैं। बुधवार शाम भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर हड़कम्प मचा दिया। इस पोस्ट में कहा गया कि खार्तूम स्थित दूतावास पर हमला हुआ है। स्टाफ की सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की गई थी। हालांकि, कुछ देर बाद पोस्ट हटा ली गई। विदेश मंत्रालय ने भी कोई पुष्टि नहीं की है। भारत सरकार अन्य सरकारों के साथ तालमेल बनाकर काम कर रही है। एयर-लिफ्ट तभी किया जा सकेगा, जब सुरक्षित हवाई अड्डा या रास्ता मिल सके।  



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