
शूटर अरुण मौर्य
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पूर्वांचल के कुख्यात माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद मौके से गिरफ्तार कासगंज के अरुण मौर्य के परिवार ने उससे पल्ला झाड़ लिया है। अलीगढ़ रेंज पुलिस की टीम द्वारा की जा रही जांच में उसके पैतृक गांव में रहने वाले चाचा-चाची ने साफ कह दिया कि उससे हमारा कोई नाता नहीं है। मगर अभी पुलिस उसके साथ हथियार तस्करी में जेल गए अतुल के परिवार के जरिये अन्य जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है।
प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मौके से पकड़े गए तीन आरोपियों में एक अरुण मूल रूप से कासगंज के सोरों क्षेत्र के गांव कादरवाड़ी का है। हालांकि उसके दादा गांव से पानीपत विकास नगर जाकर बसे थे। वहीं अरुण का जन्म दिया। मगर अरुण की कासगंज में आवाजाही रही और कासगंज के ही दोस्त अतुल से मिले हथियार के चलते पहली बार वह पानीपत से हथियार तस्करी में जेल गया था। इस मामले में रेंज पुलिस की जांच में उजागर हुआ है कि वह कुछ समय पहले कासगंज आया था।
फिर वापस पानीपत लौटा और वहां अपने एक चाचा संग फैक्टरी में काम करने लगा। इसके बाद नौ अप्रैल 2023 को वह दिल्ली में किसी दोस्त की शादी में शामिल होने की बात कहकर घर गायब हो गया। तभी से उसका मोबाइल बंद था और वह किसी के संपर्क में नहीं था।
इसी क्रम में डीआईजी अलीगढ़ रेंज सुरेशराव ए कुलकर्णी के निर्देशन में रेंज स्तर की व कासगंज पुलिस की टीम उस पर जांच कर रही है। गांव में रह रहे चाचा-चाची व अन्य ग्रामीणों की मदद से उसके विषय में जानकारियां जुटाई जा रही हैं। अतुल से भी पुलिस संपर्क करने में जुटी है। उसके परिवार को भी देखा जा रहा है। इधर, इस घटना के बाद चुनाव को देखते हुए डीआईजी ने पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षा पर मजबूती का जोर दिया है।
पुलिस का सवाल, कहीं किसी गैंग का शूटर तो नहीं
इस जांच को लेकर पुलिस के मन में एक बड़ा सवाल है। अरुण देश के किसी बड़े गैंगस्टर ग्रुप का शूटर तो नहीं, चूंकि वह हरियाणा से जुड़ा है। हरियाणा में कई नामी गैंगस्टर ग्रुप हैं, जो भाड़े पर हत्या कराने का धंधा करते हैं। ऐसे में सवाल यही है कि अरुण किसी ग्रुप से जुड़ा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो वह ग्रुप कौन सा है और अरुण को किसके जरिये वहां भेजा गया है।