class="post-template-default single single-post postid-374 single-format-standard wp-custom-logo wp-embed-responsive jps-theme-newsup ta-hide-date-author-in-list" >


High Court strict on non-compliance of earlier order, contempt notice to PS Rajoura of Home Department

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश का पालन न होने के मामले को काफी गंभीरता से लिया। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने मामले में गृह विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा, डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, एडीजीपी इरशाद अली सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

अवमानना का मामला रायसेन निवासी हनुमान प्रसाद शर्मा की ओर से दायर किया गया था। जिसमें कहा गया था कि वह सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। 2014 में एक याचिका दायर की थी। इसके जरिए एक अप्रैल, 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ दिए जाने की राहत चाही गई थी। इस याचिका के विचाराधीन रहने के दौरान उसे समयमान वेतनमान से वंचित कर दिया गया। याचिका में संशोधन के जरिए यह लाभ रोके जाने संबंधी आदेश को भी चुनौती दी गई। 20 सितंबर, 2022 को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता को तीन माह के भीतर वेतन पुननिर्धारण के जरिये एक अप्रैल 2006 से छठवें वेतनमान व समयमान वेतनमान का भी भुगतान सुनिश्चित किया जाए। हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2008 की नीति का भी पालन किए जाने की व्यवस्था दी। याचिकाकर्ता ने इस आदेश के साथ अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। दो बार परिपत्र भी दिए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिस पर यह अवमानना का मामला दायर किया गया है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *