
रक्त और हड्डियों के पाउडर से इन्हें उकेरा गया
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
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मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में गांधीसागर के समीप अरावली पर्वतमाला की तलहटी में चतुर्भुज नाला शैल चित्र स्थित है। यह विश्व की सबसे लंबी शैल चित्र श्रंखला है। सोमवार को इसकी खोज के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भारतीय डाक विभाग, इंदौर जीपीओ के द्वारा विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया गया। विशेष आवरण के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पोस्टमास्टर जनरल इंदौर परिक्षेत्र ब्रजेश कुमार रहे।
दैनिक जीवन की झलक दिखाते हैं ये शैल चित्र
ये शैल चित्र चार से पांच किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं जिसे रॉक आर्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने विश्व की सबसे लंबी शैल चैत्र श्रंखला के रूप में मान्यता दी है। लगभग 25 हजार वर्ष से अधिक पुराने चतुर्भुज नाला शैल चित्र प्रागैतिहासिक काल के हैं, जिसकी खोज भ्रमण के दौरान स्थानीय शिक्षकों के द्वारा वर्ष 1973 में की गई थी। चतुर्भुज नाला शैल चित्रों की विषय-वस्तु मानव और पशु विशेष रूप से हाथी, बाइसन, हिरन, लोमडी, गाय, बैल और जलचर हैं। ये शैल चित्र दैनिक जीवन की झलक दिखाते हैं जैसे चरवाहा, शिकार, पशु की सवारी आदि। इन शैल चित्रों को बनाने में पशुओं के रक्त, हड्डियों के पाउडर और वसा का उपयोग किया जाना प्रतीत होता है।
इंदौर में हुए कार्यक्रम का संचालन पूजा पाठक ने किया एवं नेहा श्रीवास्तव ने सभी का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में अधिकारीगण श्रीनिवास जोशी, उमाकांत शाक्यवार, अशोक जखोडे एवं वरिष्ठ फिलाटेलिस्ट रविन्द्र पहलवान, उमेश नीमा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रवर अधीक्षक, डाकघर, इंदौर नगर संभाग दिनेश डोंगरे ने की। कार्यक्रम के विशेष अतिथि राजेश कुमावत सहायक निदेशक, इंदौर, ओ.पी. चौहान अधीक्षक डाकघर इंदौर नगरेतर मंडल एवं एम. जयश्री वरिष्ठ पोस्टमास्टर इंदौर जीपीओ रहे।