ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में एक बार फिर से खुशियों का माहौल देखने को मिल रहा है। करीब सवा महीने पहले चिड़ियाघर की दुर्गा नामक मादा टाइगर ने दो शावकों को जन्म दिया था, उन्हें कड़ी देखरेख में रखने के बाद दर्शकों को देखने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने निकाला। इस मौके पर महापौर शोभा सिकरवार एवं उपायुक्त मुकुल गुप्ता सहित अन्य नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। चिड़ियाघर प्रबंधन ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में टाइगर का कुनबा और बढ़ेगा क्योंकि अभी यहां एक मादा टाइगर गर्भवती है इसके साथ ही चिड़िया घर को सजाया संवारा जा रहा है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को शहर के बीचों बीच जंगल जैसा महसूस हो। करीब 42 दिन पहले मादा टाइगर दुर्गा ने दो शावकों को जन्म दिया था। दोनों शावकों को खुले बाड़े में जू प्रबंधन द्वारा छोड़ा गया। जहां वे अपनी मां दुर्गा के साथ अठखेलियां करते नजर आए। वहीं नन्हे टाइगरों को देखने के लिए काफी संख्या में सैलानी चिड़िया घर पहुंचे थे।
ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में 42 दिन से आइसोलेशन में रह रहे टाइगर दुर्गा के दोनों शावकों को सैलानियों के दीदार के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने खुले बाड़े में उनकी मां के साथ छोड़ा। इस खुशी के पल को देखने और अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी चिड़िया घर पहुंचे थे। इन दोनों शावकों को देख सैलानियों के चेहरे पर खुशी नजर आई। इन बच्चों की देखरेख कर रहे अधिकारियों का कहना है कि नन्हे टाइगरों को अभी मां का दूध ही दिया जा रहा है। इसके साथ ही मां दुर्गा के खान-पान का पूरा ध्यान प्रबंधन द्वारा रखा जा रहा है। तेज गर्मी को देखते हुए दोनों शावकों को सुबह के वक्त बाहर नहीं निकाला जाएगा। बल्कि दो घंटे के लिए इन शावकों को बाहर छोड़ा जाएगा। टाइगर शावकों को देखने सैलानी बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
इस मौके पर महापौर शोभा सिकरवार ने अपनी खुशी का इजहार किया है, उन्होंने कहा कि टाइगर बचाने की दिशा में गांधी प्राणी उद्यान बेहतर काम कर रहा है। वहीं, नगर निगम के उपायुक्त मुकुल गुप्ता ने कहा कि जल्द ही शावकों का नामकरण किया जाएगा। उसके साथ ही चिड़ियाघर को नए सिरे से सजाया संवारा जा रहा है और हरियाली को बढ़ावा देते हुए यहां पेड़ पौधों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे आने वाले पर्यटकों को चिड़ियाघर में शांति और सुकून के साथ ही वाइल्डलाइफ का आनंद लेने की अनुभूति महसूस हो।