
महाकालेश्वर मंदिर
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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्मआरती मैं धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दिल्ली से आए श्रद्धालु ने भस्मारती दर्शन के नाम पर नकली रसीद दी और उनसे 4,500 रुपये की ठकी गी। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं ने धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। इसके बाद श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने दो लोगों के खिलाफ थाना महाकाल में धारा 420, 34 के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाया है।
नई दिल्ली निवासी नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा ने मंदिर कार्यालय में लिखित शिकायत दी थी। वे लोग उज्जैन में कालसर्प दोष का पूजन करने पहुंचे थे। उन्हें पवन कुमार ने कहा कि वे मृत्युंजय नाम के व्यक्ति से भस्मारती की अनुमति बनवा सकते हैं। इस पर मृत्युंजय ने नितिन, मोहित और निशांत से 4500 रुपये लिए और तीन श्रद्धालुओं की अनुमति बनाकर दी। आरती प्रवेश में जांच के दौरान वह अनुमति फर्जी तथा किसी अन्य श्रद्धालु की अनुमति को एडिटिंग कर बनाने जैसे नजर आ रही थी। इसके बाद महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने पवन कुमार एवं मृत्युंजय कुमार के विरुद्ध थाना महाकाल में प्रकरण पंजीबद्ध करवाया है।
QR कोड से पकड़ी गई नकली रसीद
श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर की दर्शन व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। यही कारण है कि भस्मारती की रसीद पर भी QR कोड लगाया जा रहा है। रविवार सुबह भस्मारती की तीन रसीदों का QR कोड स्कैन नहीं हो पाया था। पहले हमने QR कोड स्कैनर मशीन को देखा कि कहीं इसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं है। उसके बाद हमने रसीद पर अंकित रजिस्ट्रेशन नंबर का मिलान किया तो यह तीनों भस्मारती की अनुमति फर्जी निकली। इस मामले में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की ओर से प्रेमनारायण पिता रामसेवक उदेनिया, उम्र-68 साल निवासी विवेकानंद कॉलोनी की रिपोर्ट पर पुलिस ने पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार के खिलाफ धारा 420, 34 की धारा में प्रकरण दर्ज करवाया है। पुलिस को गूगल पे पर किए ट्रांजैक्शन की जानकारी भी दी है, जिसमें इन श्रद्धालुओं ने भस्मारती की अनुमति के लिए 4500 रुपये डाले थे।
यह लिखा शिकायत में
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेमनारायण उदेनिया ने बताया कि 16 अप्रैल 2023 को सुबह महाकाल की भस्मारती में शामिल होने श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा आए थे। उन्होंने शिकायत में बताया कि तीनों श्रद्धालु उज्जैन में कालसर्प पूजन कराने आए थे। उन्हें पवन कुमार नामक व्यक्ति मो. 6260738516 ने भस्मारती की अनुमति जारी करने के लिए मृत्युंजय कुमार के मोबाइल नंबर 9334222621, 6261865996 दिए थे। चर्चा के बाद मृत्युंजय कुमार ने 4500 रुपए लेकर तीनों श्रद्धालुओं की भस्मारती अनुमति जारी करवाई गई थी। तीनों श्रद्धालु जब भस्मारती की अनुमति लेकर मंदिर पहुंचे तो जांच के दौरान उक्त अनुमति किसी अन्य श्रद्धालु को जारी की गई अनुमति से कॉपी कर श्रद्धालुओं के नाम डालकर दी गई थी।