
अतीक अहमद (फाइल फोटो)
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प्रयागराज में पुलिस कस्टडी रिमांड में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की अशरफ की हत्या कोई पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी पुलिस के सामने कई हत्याएं हो चुकी हैं। वर्ष 2001 में दहशतगर्द विकास दुबे ने शिवली थाने में घुसकर बीजेपी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
वहीं वर्ष 2005 में डीटू गैंग के सरगना रफीक की भी पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा मिली थी। कानपुर देहात में शिवली कोतवाली के अंदर 12 अक्तूबर 2001 को प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री (श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन) संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें दहशतगर्द विकास दुबे को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया था। बाद में अदालत में पुलिसकर्मी और अन्य गवाह मुकर गए थे।