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श्री महाकालेश्वर मंदिर में रोज सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक बड़ा गणेश मंदिर के पास स्थित मंदिर समिति के प्रोटोकॉल कार्यालय के काउंटर से गर्भगृह जाने के लिए 750 और 1,500 रुपये की जलाभिषेक की रसीद काटी जाती है। मंदिर के पुजारी, पुरोहित के यजमान, प्रोटोकॉल से आने वाले भक्त और अन्य श्रद्धालु शामिल रहते हैं। छह घंटे में काउंटरों पर टिकट प्राप्त करने खासी भीड़ रहती है। इससे काउंटर पर दबाव रहता है। घंटो लाइन में लगने के बाद भी नंबर नहीं आता। इस वजह से अगले महीने में ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो जाएगी। श्रद्धालुओ को गर्भगृह में जाने का टिकट भी ऑनलाइन मिलेगा। अलग-अलग स्लॉट में करीब 50 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी।

महाकालेश्वर मंदिर में जब से महाकाल लोक का निर्माण हुआ है, तब से भक्तों की भीड़ तेजी से बढ़ रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां रोज दर्शन को पहुंच रहे हैं। इसी को देखते हुए मंदिर समिति ने गर्भगृह में जलाभिषेक और पूजन के लिए दी जाने वाली 750 और 1500 रुपये की रसीद अब ऑनलाइन उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू की है।

गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। इसे देखते हुए अगले महीने से नई व्यवस्था लागू हो सकती है। मंदिर आने से पहले ही श्रद्धालु अपना टिकट बुक करवा सकेंगे। इसके लिए उन्हें परेशान नहीं होना होगा। व्यवस्था के मुताबिक अलग-अलग स्लॉट में 50 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध कराई जाएगी।

1500 श्रद्धालु पहुंचते हैं रोज गर्भगृह में  

महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से दोपहर तक गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या की बात करें तो मंदिर समिति के प्रोटोकॉल कार्यालय से टिकट दिया जाता है। इन भक्तों की संख्या रोजाना करीब 1500 तक पहुंच जाती है। मंदिर में छह घंटे तक मिलने वाले इस टिकट के काउंटर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।   

 

 



जबलपुर के दर्शनार्थी ने किया चांदी का छत्र दान

जबलपुर से पधारे श्रद्धालु जागृति भल्ला ने भगवान श्री महाकाल की सेवा में एक किलो 681 ग्राम वजन का चांदी का छत्र ( मूल्य लगभग 1.50 लाख रु) अर्पित किया। मन्दिर कोठार शाखा द्वारा विधिवत रसीद प्रदान की गई। 

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने किए बाबा के दर्शन

अल्प प्रवास पर उंज्जैन आए प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ  श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचे। उन्होंने भगवान श्री महाकाल का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त  किया। मन्दिर अधिकारी मूलचंद जूनवाल ने दुपट्टा ओढ़ाकर, भगवान श्री महाकाल की तस्वीर व प्रसाद प्रदान कर कुलश्रेष्ठ का सम्मान किया।

 


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