
अतीक और अशरफ (फाइल)
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प्रयागराज में मारे गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की जड़ें वाराणसी में भी गहरी थीं। दोनों काले कारोबार में संलिप्त थे। अतीक और अशरफ जीएसटी, सीजीएसटी चोरी करके सालाना करोड़ों रुपये जुटाते थे। यह सब गोपनीय तरीके से होता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस अतीक व अशरफ से संबंध रखने वाले कारोबारियों की कुंडली खंगाली रही थी। यह पता लगा जा रहा था कि वाराणसी के कारोबारी किस तरह से माफिया व उसके भाई को आर्थिक लाभ पहुंचा रहे हैं।
शनिवार रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से उसके वाराणसी के गुर्गों में दहशत है। अतीक और अशरफ की काली कमाई में वही लोग मददगार थे, जिनके ऊपर कार्रवाई की जिम्मेदारी थी। बताया जा रहा है कि चेकिंग की भनक लगते ही अतीक गिरोह से सांठगांठ कर काम करने वाले अफसर उसके एजेंट को सूचना दे देते थे।
सरकारी विभागों के अफसर ही मददगार
माफिया अतीक अहमद का दबदबा सिर्फ अपराध जगत में ही नहीं था। पुलिस अफसरों का कहना है कि अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ जीएसटी, सीजीएसटी चोरी करके सालाना करोड़ों रुपये जुटाते थे। इसमें पार्सल बुक कराने से लेकर सरकारी विभागों के अफसर ही मददगार हैं।
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