
अमर उजाला ग्राफिक्स
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
को खां, एमपी के विधानसभा चुनाव में अभी आठ महीने की देरी हे पर सियासी दावो ओर चालों के नए नए नजारे सामने आ रिए हें। यूं तो सूबे में अहम मुकाबला बीजेपी ओर कांगरेस में ई हे। पर चुनावी मंजर में एक धमाकेदार एंट्री भीम आर्मी की भी हो रई हे। इस भीम आर्मी के सिपहसालार चंद्रशेखर आजाद रावण हेंगे। उन्होंने पिछले साल यूपी में भी किस्मत आजमाई थी, मगर कुछ खास कामयाबी नई मिली सिवाय हो हल्ले के। चंद्रशेखर दलित नेता हें। उधर दलित वोटों को लुभाने के चक्कर में मुखमंतरी शिवराजसिंह चोहान ने पुरानी घोषणा फिर से कर डाली के बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायियों को पंचतीर्थ यात्रा सरकार मुफत में कराएगी। इसमें लंदन की वो इमारत भी शामिल हे, जहां बाबा साहब ने रेह के पढ़ाई करी थी। आम पब्लिक इसके भी मजे ले रई हे। अब मामाजी ने इत्ती घोषणा पे घोषणाएं कर डाली हें के उनको तो क्या उनके अमले को भी याद नई रेता के साहब कब कहां अोर कोन सा एलान कर आए थे।
मियां, मधपरदेश में सालों से चुनावी मुकाबला बीजेपी ओर कांगरेस में होता आ रिया हे। एक तबका बहन मायावती की बहुजन समाज पार्टी का भी हे, जो हर हाल में हाथी का बटन दबाता हे। एमपी में दलितो की तादाद 15.60 फीसदी हे। लिहाजा बीजेपी समेत सभी पार्टियां इन वोटों पे डोरे डाल रई हें। एसे में संविधान निर्माता डाॅ. बाबा साहब अंबेडकर की 132 वीं सालगिरह ओर खास हो गई। हर पार्टी का नेता ओर कारकरता बाबा साहब के आगे नतमस्तक थे।
पर अपने शिवराजजी ने तो गजब करा। उन्होंने जोश में वोई घोषणा फिर कर डाली जो छह साल पेले करी थी। अब फिर चुनाव आए साहब ने कहा कि हम बाबा साहेब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ बनाएंगे। सीएम की घोषणा पर कांग्रेस हमलावर हुई तो आनन-फानन में छुट्टी के रोज धर्मस्व विभाग को पंचतीर्थ को तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने का आदेश जारी करना पड़ा। शिवराज बोले के हमने बाबा साहेब के जीवन से जुडे़, जिसमें जन्म भूमि महू, शिक्षा भूमि लंदन, दीक्षा भूमि नागपुर, महापरिनिर्वाण भूमि दिल्ली और चैत्य भूमि (जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ) मुंबई को पंचतीर्थ में जोड़ा है। सरकार ने देश के कुल 23 जिले तीर्थ दर्शन के वास्ते चुने हें। अब तो हवाई जहाज से भी सरकार तीरथ कराएगी। शायद इसी वास्ते लंदन को भी शामिल करा हे। अब इन तमाम घोषणाओं का चुनाव में असर कित्ता होता हे, ये देखने की बात हे।
मियां, घोषणाओं से अलग सियासी मंजर में दिलचस्प एंट्री भीम आर्मी की हे। इसके लीडर चंद्रशेखर आजाद रावण धुंआधार तकरीरें करते हें ओर अब एमपी में अपनी पार्टी का जलवा बिखेरने का दावा कर रिए हें। माना जा रिया हे के जनाब बीसपी के पांच परसेंट वोटों में सेंध लगा सकते हें। हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव में भी आजाद ने 110 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करे थे। मगर एक भी जीत नई पाया। उनकी पार्टी को वोट भी भोत कम मिले। पर जानकारों का केना हे के भीम आर्मी ने कई सीटों पे बीएसपी को खासा नुकसान पोंचाया। अब मधपरदेश में तीन छोटी छोटी पार्टियों सपा, गोंगपा ओर जयस का गठबंधन बना रिए हें। इसका चुनावी नतीजा क्या होगा, देखना दिलचस्प होगा। अगर ये गठबंधन जीता तो सीएम आदिवासी होगा ओर तीन डिप्टी सीएम दलित, ओबीसी ओर अल्पसंख्यक में से बनेंगे। कागजी गणित तो बढि़या हे। सूबे में दलितों की 35 सीटें हेंगी। आगे देखिए, होता हे क्या।
– बतोलेबाज
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।