
Prayagraj News : अतीक और अशरफ की हत्या के बाद मौके पर पहुंचकर सैंपल एकत्र करती फॉरेंसिक टीम।
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24 फरवरी की तारीख, जीटी रोड पर दिनदहाड़े दोपहर में ट्रैफिक रोककर जिस तरह राजू पाल के गवाह उमेश पाल की हत्या की गई, उसी तर्ज पर शनिवार को काॉल्विन अस्पताल के बाहर भी वारदात हुई। दोनों घटनाओं में समानता यह है कि उमेश पाल की हत्या धूमनगंज थाने से महज तीन सौ मीटर दूरी पर हुई थी, जबकि अतीक व अशरफ की हत्या पुलिस कर्मियों की मौजदूगी में हो गई और पुलिस हाथ मलते रह गई।
शहर में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए भाजपा नेता उमेश पाल को अतीक के शूटरों ने दिनदहाड़े उनके घर की चौखट पर गोलियों, बम से मार डाला था। इस घटना में उमेश के साथ रहे दो गनर भी गारे गए थे। उस समय हमलावरों ने उमेश के सुरक्षाकर्मियों को संभलने का भी मौका नहीं दिया था, इसी प्रकार शनिवार को अतीक-अशरफ की हत्या को अंजाम दिया गया।
कॉल्विन अस्पताल के बाहर तीन बदमाशों ने बेखौफ अंदाज में मीडियाकर्मियों के सामने दोनों को गोलियों से भून दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों की तरफ से बदमाशों से मुकाबला करने का कोई प्रयास नहीं किया गया और वे असहाय से नजर आए।