
विठलेश सेवा समिति
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सीहोर में विठलेश सेवा समिति ने नागरिकों में पक्षी चेतना जागृत करने के लिए एक हजार मिट्टी के सकोरे तैयार कराए हैं। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं सुबह ठंडाई का वितरण किया गया और उसके बाद सकोरे वितरित किए गए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, राजकुमार मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा, अमनराज तिवारी और यश अग्रवाल सहित अन्य लोग शामिल रहे।
आगामी चरण में गोवंश को पानी उपलब्ध कराने सीमेंट की टंकियां शहर और ग्रामीण के विभिन्न स्थानों पर रखीं जाएगी। उनको पानी से रोज भरने की जिम्मेदारी भी उन लोगों को सौंपी, जिनके द्वारा चिन्हित स्थानों पर उनको रखा जाएगा। नागरिकों से एक कुंडा पानी और एक मुट्ठी दाना रखने का आह्वान किया। साथ ही गर्मियों के दौरान चलने वाला पक्षी संरक्षण अभियान प्रारंभ किया गया। समिति के सदस्य अब गली-मोहल्लों में सकोरे लगाएंगे। दाना-पानी डालने वाले नए मित्रों को तैयार कर उनको जिम्मेदारी सौंपेंगे। साथ ही चिन्हित स्थानों पर हर सप्ताह जाकर देखेंगे। सकोरों में नियमित पानी भरा जा रहा है या नहीं। दाना नियमित डाला जा रहा या नहीं, जिससे अभियान की सफलता को लक्षित किया जा सके।
कई साल से चल रहा है सेवा कार्य…
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि समिति के तत्वाधान में पिछले 20 साल से पर्यावरण क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। समिति द्वारा वर्ष भर में अनेक सेवा कार्य किए जाते हैं। अप्रैल महीने में पक्षियों को दाना पानी और पशुओं के लिए जगह-जगह टंकियां रखती है। अगस्त महीने में हरियाली अमावस्या पर पौधों का निशुल्क वितरण और पौधारोपण का कार्य करती है। समिति के द्वारा पंडित मिश्रा के आह्वान पर हर साल देश भर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा पौधा रोपण किया जाता है।
उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में जल स्रोत सूखने लगे हैं। भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए मनुष्य की तरह ही पशु-पक्षियों को भी जल की आवश्यकता होती हैं। गर्मी के दिनों में पक्षियों को आसानी से पानी मिल सकें, इसके लिए समिति ने सकोरे का वितरण किया। साथ ही लोगों प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने घर के आंगन और छतों पर पानी के पात्र रखे, जिससे गर्मी में पक्षियों को पानी मिल सके। गर्मी के दिनों में पक्षियों के पानी तलाशना कठिन हो जाता है, जिसे देखते हुए समिति ने शहर में आम लोगों को सकोरे का वितरण किया। जिससे गर्मी के दिनों में भी पक्षियों को दाना-पानी आसानी से मिल सके।