
विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन करते NSUI कार्यकर्ता
– फोटो : अमर उजाला
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शिक्षा के मंदिर विक्रम विश्वविद्यालय में एनएसयूआई ने कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का स्थानांतरण होने के आदेश जारी होने के बावजूद कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा उन्हें अब तक रिलीव नहीं किए जाने से नाराज होकर प्रदर्शन किया और कुलसचिव के फोटो पर कालिख पोत दी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक की विक्रम विश्वविद्यालय में वैसे तो कोई उपलब्धि नहीं है, लेकिन उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार जरूर हुए हैं, प्रदर्शन में छात्र नेता कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए।
कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक पर करोड़ों के आर्थिक भ्रष्टाचार, फर्जी नियुक्तियों के प्रथम द्रष्टया प्रमाणित आरोपों के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर में ही उन्हें संरक्षण दिए जाने पर भी एनएसयूआई लगातार आंदोलनरत रही है। 12 अप्रैल 2023 को उच्च शिक्षा विभाग म.प्र.शासन ने पुन: आदेश जारी कर डॉ. प्रशांत पौराणिक की सेवाऐं तत्कल प्रभाव से उनके मूल विभाग में किए जाने के बाद भी विक्रम विश्वविद्यालय से पौराणिक को रिलीव न कर कुलसचिव का प्रभार मौजूद उपकुलसचिवों में से किसी एक को न दिये जाने पर गुरुवार को एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतेश शर्मा, जिला अध्यक्ष अम्बर माथुर, प्रदेश सचिव तरुण गिरी के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय का घेराव किया साथ ही कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डे को यह चेतावनी भी दी गई कि यदि उनके द्वारा राज्यपाल के आदेश से हटाए गए डॉ. पौराणिक को विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त न कर किसी अन्य कुलसचिव को प्रभार नहीं दिया गया तो एनएसयूआई अनवरत चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
डॉ. पौराणिक को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के दबाव में विश्वविद्यालय से न हटाया जाना राज्यपाल के आदेश की सरासर अव्हेलना को प्रमाणित कर रहा है। सामान्य कर्मचारी यदि उसके नियोक्ता के आदेश को न माने तो उसे निलम्बित कर उसकी सेवाऐं तक समाप्त कर दी जाती हैं, पर भ्रष्टाचार के गौरख धंधों में लिप्त डॉ. पौराणिक के शासकीय आदेशों की निरन्तर अव्हेलना के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्री का मौन यह बता रहा है कि, उनके दबाव में ही कुलपति राज्यपाल के आदेश की अव्हेलना कर पौराणिक को रिलीव करने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं। एनएसयूआई ने यह भी मांग की है कि, राज्यपाल के आदेश से हटाए जाने के बाद भी डॉ. पौराणिक ने अवैध रूप से कुलसचिव पद पर काबिज रहते हुए जो खरीद फरोक्त की है, अवैध नियुक्तियां की हैं और नीतिगत कार्रवाइयों में सहभागिता की है उसकी गंभीर जांच करवाई जा कर डॉ. पौराणिक पर फर्जी तरीके से कुलसचिव पद पर काबिज रहने पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाए। राज्यपाल के आदेशानुसार हटाए गए डॉ.पौराणिक को शीघ्र ही विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से नहीं हटाया गया तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
सीबीआई ने जांच में म.प्र. लोकायुक्त को अधिकृत किया है- प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अम्बर माथुर ने बताया की विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक के द्वारा विश्वविद्यालय में फर्जी खरीद-फरोक्त के साथ ही आउटसोर्स और विजिटिंग विद्वानों की थोकबंद फर्जी नियुक्तियों से किए गए करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायतें एनएसयूआई के द्वारा निरन्तर राजभवन सचिवालय एवं उच्च शिक्षा विभाग को की जा रही थी। डॉ. प्रशांत पौराणिक की प्रतिनियुक्ति की सेवाऐं राज्यपाल के आदेशानुसार म.प्र.शासन उच्च शिक्षा विभाग ने 28 दिसम्बर 2022 को ही तत्काल प्रभाव से वापस ले लीं गई थी बावजूद डॉ. पौराणिक को उच्च शिक्षा मंत्री के दबाव के चलते विश्वविद्यालय से रिलीव नहीं किया जा रहा था। डॉ. पौराणिक ने उच्च न्यायालय इन्दौर में भी उन्हें हटाए जाने के आदेश पर स्थगन की मांग की थी, पर उन्हें उच्च न्यायालय से कोई राहत प्रदान नहीं मिलने के बाद डॉ. पौराणिक अवैध रूप से विक्रम विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद का प्रभार संभालते हुए फर्जी बिलों से खरीद-फरोक्त और अवैध नियुक्तियों के गौरख धंधे को अंजाम देने में संलग्न रहे हैं। डॉ. पौराणिक ने वर्ष 2007 में हुई तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की 39 पदों के विरुद्ध 52 नियुक्तियों में फर्जी नियुक्ति प्राप्तकर्ता रमण सोलंकी को भी भ्रष्टाचार कर फर्जी उत्खनन प्रभारी का पद बनाकर, नियुक्ति दे दी थी, जिसकी शिकायत सी.बी.आई. के समक्ष एन.एस.यू.आई. प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतेश शर्मा ने की है, जिस पर सीबीआई ने गंभीरता से संज्ञान ले कर मामले की जांच के लिए म.प्र. लोकायुक्त को अधिकृत किया है।