समिति सदस्य पहुंचे सराफा।
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इंदौर की पहचान बन चुकी स्वाद गली सराफा चौपाटी की सुरक्षा और सुविधा पर सवाल उठ रहे है। गली में रहने वाले लोग ही चौपाटी में होने वाले सैकड़ों गैस सिलेंडरों के उपयोग, खुले बिजली तार और बड़े तेल के कडाहों को असुरक्षित बता रहे है।
300 फीट की सराफा गली में रात को पांच घंटे तक 200 से ज्यादा दुकानें लगती है। विकेंड पर तो इतनी भीड़ जुटती है कि धक्का-मुक्की जैसे हालात बन जाते है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी चौपाटी की एंट्री पर कोई व्यवस्था नहीं है। इन वजहों से इन दिनों सराफा चौपाटी सवालों के घेरे में है।
चौपाटी को लेकर आई शिकायतों के बाद मेयर पुष्य मित्र भार्गव द्वारा गठित कमेटी ने सराफा चौपाटी का दौरा किया। समिति की रिपोर्ट के बाद चौपाटी को लेकर फैसला लिया जा सकता है।
गली में सबसे ज्यादा खतरा
चौपाटी की एक गली तो चौड़ी है, लेकिन मंदिर से बजाज खाना चौक की तरफ जाने वाली संकरी गली ज्यादा खतनाक है,क्योकि उसकी चौड़ाई दस फीट तक है अौर गली में चाऊमिन, मोबोज,पराठे जैसे व्यंजन मौके पर ही पकाए जाते है। यहां यदि कोई हादसा हो जाए तो लोगों को बचकर भागने में भी परेशानी हो। पहले सराफा में पारंपरिक व्यंजन मिलते थे, लेकिन समय के साथ अब पिज्जा, पनीर टिक्का, फ्राइड राइस जैसी डिशेस मिलने लगी है। सराफा थाना भी चौपाटी गली को शिफ्ट करने का कह चुका है।
चौपाटी शिफ्ट करना हल नहीं
सराफा चौपाटी शिफ्ट करना हल नहीं है। 100 साल से चौपाटी लग रही है। कोई हादसा नहीं हुआ। दुकानदार सुरक्षा के इंतजाम रखते है। गैस सिलेंडर की नलियां भी जांची जाती है। नगर निगम चौपाटी को लेकर जो भी गाइडलाइन बनाएगा। उसका हम पालन करेंगे। -राम गुप्ता, अध्यक्ष, सराफा चौपाटी एसोसिएशन
सुरक्षा के इंतजाम जरुरी
सराफा में चौपाटी 100 साल से लग रही थी, तब शहर की आबादी कम थी, भीड़ ज्यादा नहीं रहती थी, लेकिन अब चौपाटी में आने वाली भीड़ के हिसाब से जगह कम पड़ती है। सुरक्षा के इंतजाम भी जरुरी है,क्योकि गैस सिलेंडरों का काफी उपयोग वहां हो रहा है।- राजेंद्र राठौर, अध्यक्ष, सराफा चौपाटी जांच समिति